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परीक्षा की कॉपी जांचने में रूचि नहीं दिखा रहे कई मेडिकल कॉलेज

-प्रदेश के 17 शासकीय मेडिकल कॉलेज में 5 हजार कॉपियों की होनी है जांच-कॉपी जांचने में जबलपुर टॉप पर, खंडवा मेडिकल कॉलेज दूसरे नंबर पर-भोपाल के चिरायू, देवास, छिंदवाड़ा, शहडोल, रीवा की स्थिति सबसे खराब

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खंडवा

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Manish Arora

Mar 17, 2024

परीक्षा की कॉपी जांचने में रूचि नहीं दिखा रहे कई मेडिकल कॉलेज

खंडवा. यह है मेडिकल कॉलेजों की स्थिति।

प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस वर्ष 2019 बैच की फाइनल परीक्षा फरवरी और प्रेक्टिकल मार्च के पहले सप्ताह में हुए थे। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्देशानुसार सभी 17 शाासकीय मेडिकल कॉलेजों में परीक्षा की कॉपियां ऑनलाइन चेक करने के लिए भेजी गई है। 30 मार्च तक परीक्षा का रिजल्ट भी घोषित करना है। पांच हजार से ज्यादा कॉपियों की जांच होना है, लेकिन कई मेडिकल कॉलेज इसमें रूचि नहीं दिखा रहे है। देवास मेडिकल कॉलेज में तो 11 मार्च तक एक भी कॉपी नहीं जांची गई थी।
तीन दिन पहले विश्वविद्यालय ने समीक्षा के दौरान एमबीबीएस पार्ट फाइनल-2 परीक्षा की कॉपियों की जांच प्रगति को लेकर चिंता जताई थी और सभी मेडिकल कॉलेज को जल्द से जल्द कॉपी जांचने के निर्देश जारी किए थे। 11 मार्च तक एनएससीबी मेडिकल कॉलेज जबलपुर सभी विषयों की 2580 कॉपी जांचकर पहले स्थान पर रहा। खंडवा मेडिकल कॉलेज कुल 798 कॉपी जांच कर दूसरे स्थान पर रहा। गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन 727 कॉपी, एमजीएम इंदौर 598 कॉपी और गजरा राजा ग्वालियर 544 कॉपियों की जांच कर प्रगतिशील रहे। हालांकि विषयवार देखा जाए तो हर कॉलेज में किसी न किसी विषय की कॉपियों की जांच बहुत कम हो पाई है।


मेडिसिन में आगे, आर्थो में पीछे
सभी विभागों को ऑनलाइन कॉपियां मिली है, जिसमें प्रश्नों के उत्तर और अंक भी दिए हुए है। कॉपियां जांच कर हाथ के साथ अंक भरे जा रहे है। नंदकुमार सिंह चौहान शासकीय मेडिकल कॉलेज खंडवा में मेडिसिन विभाग ने जबलपुर के बाद सबसे ज्यादा कॉपियां जांची है। मेडिसिन विभाग में अब तक 577 कॉपियां कंपलिंट कर दी है। खंडवा मेडिकल कॉलेज में आर्थोपेडिक्स विषय में सिर्फ 3 कॉपियां ही जांची गई है। इसका कारण आर्थो विभाग में सिर्फ एक एसोसिएट प्रोफेसर होना बताया जा रहा है।