10 जुलाई 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

‘भाजपा की बहू ने तोड़ा अपने ही ससुर के पट्टे पर बसा घर,’ खंडवा बुलडोज़र एक्शन पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी

Asaduddin Owaisi furious over bulldozer action: खंडवा में 35 साल पुराने कब्जे पर चली सरकारी कार्रवाई ने सियासी भूचाल ला दिया है। 137 मकान ढहाए गए, सांसद ओवैसी ने BJP पर भू-माफियाओं से मिलीभगत का आरोप लगाया।

खंडवा

Akash Dewani

Jun 12, 2025

Asaduddin Owaisi furious over bulldozer action MP News (फोटो सोर्स- ANI और पत्रिका)
Asaduddin Owaisi furious over bulldozer action (फोटो सोर्स- ANI और पत्रिका)

MP News: खंडवा के शक्कर तालाब इलाके में गुरुवार तड़के 4 बजे प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई शुरू की। दो एकड़ शासकीय भूमि पर बसी 137 अवैध बस्तियों को बुलडोजर से जमींदोज किया गया। कार्रवाई में 15 जेसीबी, 2 पोकलेन, 3 फायर टेंडर, 10 डंपर और 3 एंबुलेंस के साथ करीब 500 से अधिक अधिकारी–कर्मचारी और 10 मजिस्ट्रेट मौके पर तैनात रहे। इसी कार्रवाई पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोला।

भाजपा की बहू ने अपनी ससुर का बसाया आशियाना उजाड़ा

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपने एक्स हैंडल पर अतिक्रमण हटाने वाली कार्रवाई की वीडियो शेयर करते हुए भाजपा और सीएम मोहन यादव को घेरा। उन्होंने लिखा सरकार भू-माफियाओं के लिए काम कर रही है। अगर तालाब की जमीन है तो रोड क्यों बनाया गया है? स्व. हुकुमचंद यादव के विधायक रहते जिन परिवारों को पट्टे दिए गए उनकी बहू BJP महापौर उन्हें उजाड़ रही है। यही से बीजेपी का पार्षद भी है इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा !' (Asaduddin Owaisi furious over bulldozer action)

140 मकानों पर चला ‘बुलडोजर’, 35 साल पुराने अतिक्रमण पर कार्रवाई!

सुबह चार बजे से चल रही कार्रवाई

एसडीएम बजरंग बहादुर सिंह के अनुसार, सुबह 8 बजे तक 80 से ज्यादा मकान गिराए जा चुके थे, और दोपहर तक यह संख्या 98 हो गई। पूरी कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा, और इलाके को सील कर सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए।प्रशासन के मुताबिक, यह जमीन जलस्रोत के अंतर्गत आती है और संरक्षित श्रेणी में है, जिस पर वर्षों से अवैध कब्जा किया गया था। कई बार चेतावनी और नोटिस के बावजूद निर्माण नहीं हटाए गए, जिससे यह सख्त कदम उठाना पड़ा।खंडवा की इस कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने तीखे सवाल उठाए हैं, वहीं प्रशासन इसे कानून और जल संरक्षण से जुड़ा जरूरी कदम बता रहा है।