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खंडवा. 31 जुलाई तक खरीफ फसल के लिए हुए प्रधानमंत्री फसल बीमा में एक नई गड़बड़ी सामने आई है। सोयाबीन की बोवनी करने वाले कुछ किसानों का कपास फसल की बीमा कर दिया है। जबकि इन किसानों ने कपास की बोवनी ही नहीं की। साथ ही किसानों का प्रीमियम भी बैंक ने 5 से 10 गुना तक अधिक काटा है। यह गड़बड़ी निजी बैंक से केसीसी लोन के कुछ किसानों के साथ हुई है। गड़बड़ी सामने आने के बाद पीडि़त किसान बैंक के काट रहे। वहीं बैंक भी अपनी गलती सुधारने में लगी है।
8 एकड़ में कपास लगाया 21 का प्रीमियम काटा
ग्राम बामझर के किसान घनश्याम पिता जयराम पुनासिया ने बताया एचडीएफसी बैंक खंडवा से केसीसी लोन लिया है। बैंक ने पूरे 21 एकड़ के क्षेत्र में कपास का बीमा कर 45 हजार रुपए प्रीमियम काट लिया। मैंने 8 एकड़ कपास और 8 एकड़ में कपास लगाया है। शेष बचे जमीन में प्याज और मूंगफली के बीज लगाऊंगा। ऐसे में पूरे में कपास फसल का प्रीमियम काटा गया। प्रीमियम की राशि भी अधिक है। पिछले साल 4-5 हजार रुपए प्रीमियम ली गई थी। बैंक कर्मचारी कह रहे कि पटवारी से सोयाबीन का लिखवाकर लाए। सुधार हो जाएगा।
मनमाने तरीके से काटा प्रीमियम
भारतीय किसान संघ के जिला संयोजक सुभाष पटेल ने बताया कि बैंकों ने खरीफ फसल का मनमाने तरीके से प्रीमियम काटा है। खेतों में जाकर या किसानों से फसल के बारे में पूछा नहीं गया। जिससे सोयाबीन की जगह कपास का प्रीमियम काटा। प्रधानमंत्री फसल बीमा की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हुआ। 10 गुना ज्यादा तक प्रीमियम लिया गया। अपर कलेक्टर से शिकायत की है। ऐसे कितने किसानों के साथ यह गड़बड़ी हुई है। मंगलवार तक गलती में सुधार नहीं होने पर बैंक के सामने बैठ धरना देंगे।
कपास की बोवनी ही नहीं की काटा प्रीमियम
ग्राम कौड़ीखेड़ा के किसान शैलेंद्र सिंह जलोदिया ने बताया एचडीएफसी बैंक खंडवा में खाता है। 10 एकड़ में सोयाबीन की बोवनी की है। कपास फसल का 30375 रुपए प्रीमियम काटा है। जबकि कपास की बोवनी की ही नहीं है। खाते के स्टेटमेंट से जानकारी मिलने पर बैंक से संपर्क किया। पटवारी से सोयाबीन का प्रमाणपत्र बैंक को दिया है। इतना प्रीमियम काटने पर बैंक से जवाब मिला कि आरबीआई की गाइड लाइन अनुसार की प्रीमियम लिया है। इसी प्रकार खंडवा निवासी एक किसान से भी सोयाबीन की जगह कपास का प्रीमियम काटा गया। हालांकि बैंक ने गलती सुधार कर प्रीमियम लौटा दिया है। ऐसे कई किसान है। जो बैंक की गलती का खामियाजा भुगत रहे हंै।
देरी से आए आदेश, एक सप्ताह में हजारों किसानों का हुआ फसल बीमा
प्रकृति की मार और मौसम की बेरुखी से हर साल फसलों के खराब होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इसकी भरपाई के लिए सरकार ने पिछले कुछ साल से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की। हर साल ऋणी और अऋणी किसानों की फसलों का सरकार बीमा करती है। प्रदेश में खरीफ फसल सोयाबीन, मक्का, कपास की बीमा कराने अंतिम तारीख 31 जुलाई तय की थी। देरी से आए आदेश के कारण 26 से 31 जुलाई तक फसल बीमा हुआ है। जिला सहकारी बैंक से 51 हजार 831 ऋणी किसानों का 476.97 लाख रुपए का प्रीमियम काटा गया है।
किसानों की मेरे पास आई शिकायत
जिले में कितने किसानों के फसल बीमा की प्रीमियम काटा गया है। इसका डाटा अभी हमारे पास आया नहीं है। सोयाबीन की जगह कपास और अधिक प्रीमियम काटने की कुछ किसानों की मेरे पास शिकायत आई। एचडीएफसी बैंक से बात की है। सुधार करवा रहे हैं।
बीके सिन्हा, एलडीएम, खंडवा
Updated on:
11 Aug 2019 03:50 am
Published on:
10 Aug 2019 10:31 pm
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