
Passenger bus running with broken glass, broken light, curtain
खंडवा. टूटे शीशे, फूटी लाइट, ऐसी बसों में यात्रियों को बैठाया जा रहा है। यात्रियों की जान जोखिम में डालकर यहां कुछ बस संचालक नियमों को ताक पर रखकर कारोबार कर रहे हैं। यह सब जानते हुए भी परिवहन महकमा आंख मूंदकर बैठा है। इन बसों को फिटनेस और पमिट किस आधार पर जारी किए जाते हैं, यह जिम्मेदार अफसरों की कार्यवाई पर बड़ा सवाल है।
नजर नहीं आता उड़ता पर्दा
परिवहन और यातायात विभाग के जिम्मेदार शायद हकिभी यात्री बसों को बारीकी से जांचते हों। इसी का नतीजा है कि बस में उड़ता पर्दा किसी को नजर नहीं आया। बस एमपी 12 पी 0277 में पीछे का शीशा टूटा है और इसमें पर्दा लगाकर सवारी बैठाई जाती हैं। इसी तरह बस एमपी 37 पी 0119 में बैक लाइट की कंडम हो गई है। यह दो बसों का सिर्फ उदाहरण है, इस तरह की कई बसें खंडवा में दौड़ रही हैं।
हादसे किसी का इंतजार नहीं करते
अनफिट बसों में यात्रा कितनी सुखद होगी यह सभी जानते हैं। बस का नंबर आने पर यात्रियों की मजबूरी हो जाती है उसमें यात्रा करने की, लेकिन बसों के मालिक सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखते। एक कहावत है कि हादसे किसी का इंतजार नहीं करते हैं। यहां कई दफा बस पलटने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। प्रदेश मुख्यालय से भी अनफिट बसों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश हैं, लेकिन जांचने वाले क्या देखते हैं, यह वही बता सकते हैं।
लोकल रूट पर दौड़ती बसें
खंडवा से आस पास देहात इलाकों को जाने वाली बसों की फिटनेस पर गौर करें तो देखते ही पता चल जाता है कि नियमों की अनदेखी कर बस का संचालन किया जा रहा है। लेकिन यह सब परिवहन महकमे को नजर नहीं आता। बंद कमरे में कागज देखकर परमिट और फिटनेस जारी करने का सिलसिला यहां बदस्तूर जारी है।
वर्जन...
यात्री बसों की जांच कराएंगे। जो अनफिट मिलेंगी उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
- संतोष कौल, डीएसपी यातायात, खंडवा
Published on:
26 Apr 2022 12:00 pm
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