
Readers will take meter reader photo in villages
जिला व तहसील मुख्यालय पर पहले से लागू है यह फॉर्मूला
अधीक्षण यंत्री आरएस सेमिल ने बताया मोबाइल से फोटो खींचकर एप में रीडिंग का फॉर्मूला जिला व तहसील मुख्यालय पर डेढ़-दो साल से लागू है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू किया है। एई, जेई व मीटर रीडर को ट्रेनिंग दी है। गांवों में विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर की मोबाइल के माध्यम से फोटो खींचकर एप में रीडिंग अपलोड की जाएगी।
अभी तक रजिस्टर पर हो रही रीडिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक हर महीने मीटर रीडर घर-घर जाकर रीडिंग लेते हैं। फिलहाल रजिस्टर पर मीटर रीडिंग के आंकड़े लिखे जा जाते हैं। जिसमें गड़बड़ी की ज्यादा संभावना होती है।
यह होगा फायदा
- रीडर घर बैठकर उपभोक्ता की मीटर रीडिंग नहीं कर सकेगा। उसे लोगों के घर तक जाना पड़ेगा।
-उपभोक्ता को मनमानी या गड़बड़ रीडिंग नहीं मिलेगी।
-डायरी का भार कम होगा। रीडिंग के आंकड़े साफ्ट कॉपी में होने से कई सालों तक सेव रहेंगे।
- आंकलित खपत का बिल नहीं मिलेगा।
-कम और ज्यादा रीडिंग की शिकायत दूर होगी।
-गड़बड़ बिलों में सुधार के लिए कंपनी अधिकारियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
-सही रीडिंग बिल आने से आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
-मीटर रीडर की लोकेशन अधिकारी देख सकेंगे।
-समय की बचत होगी। मैन्युअली में कर्मचारी को रजिस्टर से देखकर आंकड़े अपलोड करना होता है।
Published on:
20 Jun 2019 12:36 am
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