28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गांवों में मीटर रीडर बिजली मीटर की फोटो खिंच लेंगे रीडिंग

शहर के बाद अब गांवों में भी फोटो खींचकर बिजली मीटर की ली जाएगी रीडिंग मीटर रीडर द्वारा मन से रीडिंग लेने व गड़बड़ी की समस्या होगी खत्म खंडवा। मप्र विद्युत वितरण कंपनी ने ऑटोमेटिक मीटर रीडिंग का फार्मूला शहर के बाद अब गांवों में भी लागू कर दिया है। विद्युत उपभोक्ता की बिजली मीटर की रीडिंग एंड्रायड मोबाइल से फोटो खींच, बिजली कंपनी की पीएमआर एप में अपलोड की जाएगी। यह सारा डाटा सिस्टम में अपलोड होगा। इससे मीटर रीडिंग में पूरी तरह पारदर्शिता आएगी। साथ मीटर रीडर द्वारा कामचोरी कर उपभोक्ता के घर बिना पहुंचे ही रीडिंग लिखने की समस्या भी खत्म होगी। मीटर रीडर को प्रत्येक उपभोक्ता के घर जाना ही पड़ेगा। इस एप में जीपीएस चालू रहेगा। जिससे ऑफिस में बैठे बिजली कंपनी के अधिकारी मीटर रीडर की लोकेशन देख सकेंगे। जिससे वे कामचोरी नहीं कर पाएंगे।एई,जेई व मीटर रीडर्स को दी ट्रेनिंग पीएमआर से रीडिंग लेने की व्यवस्था सुचारू करने के लिए बुधवार को जिला मुख्यालय ओल्ड सर्कल ट्रेनिंग सेंटर में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से मीटर रीडर्स, जेई, एई को ट्रेनिंग दी गई। इंदौर विद्युत वितरण कंपनी कारपोरेट ऑफिस से आए कार्यपालन यंत्री चिंतामणी ठक्कर, आईटी मैनेजर विभोर पाटीदार और सहायक यंत्री पारस जैन ने ट्रेनिंग दी। इस प्रशिक्षण में अधीक्षण यंत्री आरएस सेमिल, कार्यपालन यंत्री खंडवा शहर मनेंद्र गर्ग, एसके पाटील, सुनल मावस्कर, एचपी तारे सहित अन्य मौजूद रहे।

less than 1 minute read
Google source verification
Readers will take meter reader photo in villages

Readers will take meter reader photo in villages


जिला व तहसील मुख्यालय पर पहले से लागू है यह फॉर्मूला
अधीक्षण यंत्री आरएस सेमिल ने बताया मोबाइल से फोटो खींचकर एप में रीडिंग का फॉर्मूला जिला व तहसील मुख्यालय पर डेढ़-दो साल से लागू है। अब ग्रामीण क्षेत्रों में इसे लागू किया है। एई, जेई व मीटर रीडर को ट्रेनिंग दी है। गांवों में विद्युत उपभोक्ताओं के मीटर की मोबाइल के माध्यम से फोटो खींचकर एप में रीडिंग अपलोड की जाएगी।

अभी तक रजिस्टर पर हो रही रीडिंग
ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक हर महीने मीटर रीडर घर-घर जाकर रीडिंग लेते हैं। फिलहाल रजिस्टर पर मीटर रीडिंग के आंकड़े लिखे जा जाते हैं। जिसमें गड़बड़ी की ज्यादा संभावना होती है।

यह होगा फायदा
- रीडर घर बैठकर उपभोक्ता की मीटर रीडिंग नहीं कर सकेगा। उसे लोगों के घर तक जाना पड़ेगा।
-उपभोक्ता को मनमानी या गड़बड़ रीडिंग नहीं मिलेगी।
-डायरी का भार कम होगा। रीडिंग के आंकड़े साफ्ट कॉपी में होने से कई सालों तक सेव रहेंगे।
- आंकलित खपत का बिल नहीं मिलेगा।
-कम और ज्यादा रीडिंग की शिकायत दूर होगी।
-गड़बड़ बिलों में सुधार के लिए कंपनी अधिकारियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।
-सही रीडिंग बिल आने से आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
-मीटर रीडर की लोकेशन अधिकारी देख सकेंगे।
-समय की बचत होगी। मैन्युअली में कर्मचारी को रजिस्टर से देखकर आंकड़े अपलोड करना होता है।