
Risk of life in riding a tractor trolley
खंडवा. ट्रैक्टर ट्रॉली में सवारी करना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। मौजूदा समय में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें लोगों की जान चली गई। बावजूद इसके ना तो ट्रैक्टर चालक व मालिक इस ओर ध्यान दे रहे और ना ही यात्रा करने वाले जोखिम भरा सफर करने से चूक रहे हैं। अहम बात तो यह है कि मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाली इन ट्रैक्टर ट्रॉली पर परिवहन और यातायात पुलिस की नजर भी नहीं पड़ती। रोक टोक और वैद्यानिक कार्रवाई ना होने का नतीजा है कि हादसे रुक नहीं रहे।
पांच लोगों की जान चली गई
छनेरा क्षेत्र में धनोरा गांव के पास 3 जून को ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने से पांच लोगों की मौत हो गई थी। जबकि इसी घटना में 15 से ज्यादा व्यक्ति घायल हुए थे। अभी मंगलवार को फिर एक ट्रैक्टर ट्रॉली बरुड से खापरखेड़ा के बीच में पलट गई। जिसमें करीब 20 लोग घायल हो गए। इसके पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
शहर से गांव तक दौड़
ऐसा नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र में ही ट्रैक्टर ट्रॉली में सवारियां भर कर चलाई जा रही हैं। यह हाल शहर का भी है। शहर से होकर ऐसे वाहन गुजरते हैं तो उन पर जिम्मेदार ध्यान नहीं देते। कार्रवाई नहीं होने पर लोगों को बढ़ावा मिल रहा है। जबकि एक साथ कई लोगों को लाने ले जाने के लिए लोक परिवहन के अन्य साधन भी उपलब्ध होते हैं, लेकिन खतरा मोल लेकर ट्रैक्टर ट्रॉली सवारियां भरकर चल रही हैं।
रफ्तार पर नियंत्रण नहीं
खेत खलिहान और कच्ची सड़कों पर चलने वाले ट्रैक्टर जब पक्की चौड़ी सड़कों पर आते हैं तो इनकी रफ्तार पर नियंत्रण नहीं रहता। जल्दबाज चालक तेज रपु्तार चलाते हैं। जबकि ट्रॉली में सवारी होने पर ट्रैक्टर की चाल पर नियंत्रण जरूरी होता है। अधिकांश मामलों में ट्रैक्टर ट्रॉली की रफ्तार और चालक की लापरवाही सामने आई है।
वर्जन...
ट्रैक्टर ट्रॉली पलटने की घटनाएं संज्ञान में हैं। जल्द ही जांच अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।
- जगदीश बिल्लौरे, एआरटीओ, खंडवा

Published on:
08 Jun 2022 12:39 pm
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