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…तो भारत के शिक्षित युवा इसलिए जा रहे हैं विदेश, ये है पूरा प्लान

स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला में विवेकानंद केंद्र महाराष्ट्र के विश्वास लपालकर ने खोले राज।

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खंडवा

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Amit Jaiswal

Jan 18, 2018

swami vivekananda vyakhyanmala news khandwa mp

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खंडवा. सारे देश अंधेरे में देख रहे हैं, ज्ञान का प्रकाश पाने भारत आना ही पड़ेगा। षटदर्शन में से एक योग मन पर संयम रखने के लिए जरूरी है। मेरा प्रेम सिर्फ मुझ पर नहीं हो, वो समाज, राष्ट्र, पर्यावरण सभी के लिए होना चाहिए। एक फिलॉसफर का उदाहरण देते हुए विवेकानंद केंद्र महाराष्ट्र के विश्वास लपालकर ने कहा कि हमारे यहां के शिक्षित युवा जब विदेशों में जाते हैं तो वो सिर्फ नौकरी करने नहीं जाते, बल्कि यहां की आध्यामिकता भी ले जाते हैं। ये पूरा एक प्लान है। इससे एक दिन सारे विश्व में भारत की आध्यामिकता हो जाएगी।


विवेकानंद केंद्र महाराष्ट्र के विश्वास लपालकर के गौरीकुंज में इस उद्बोधन के साथ तीन दिनी स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला का आगाज बुधवार को हुआ। भारत विश्व गुरु कैसे बनेगा विषय पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद के जीवन प्रसंगों को आधार बनाते हुए उन्होंने विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि स्वामीजी ने जो विचार दिए हैं, उसका आचार करने वाला समाज नहीं है। स्वामीजी ने कहा था कि समाज सोया है, ये भूल गया है अपने अंदर की शक्ति , मैं जागरूक करूंगा। अध्यक्षता डॉ. लक्ष्मी डूडवे ने की। विधायक देवेंद्र वर्मा, साहित्यकार डॉ. श्रीराम परिहार, डॉ. पीपी शास्त्री, गोविंद शर्मा सहित अन्य मौजूद थे। आभार प्रो. दिव्या त्रिवेदी ने माना।

इन पांच यज्ञ से आएगा सद्गृहस्थ तो होगा बदलाव
पितृ यज्ञ: सिर्फ माता-पिता ही नहीं, बल्कि जो पितृवत हैं, उनकी भी सेवा करें।
नर यज्ञ: प्रत्येक जीव के हम काम आएं, समाज के लिए हम समय निकाल सकें।
देव यज्ञ: हर व्यक्ति से प्रेम करें, पर्यावरण व प्रकृति के लिए पेड़ लगाएं, नदी बचाएं।
ऋषि यज्ञ: हमें जो संस्कृति प्राप्त हुई है, उसे सहेजें। वेद, ग्रंथ व अच्छा साहित्य पढ़ें।
ब्रह्म यज्ञ: हमारी दृष्टि एेसी हो कि हमें न सिर्फ हमारे अंदर ईश्वर दिखे बल्कि दृष्टि ईश्वरमय हो जाए।


ज्ञान का प्रकाश पाने भारत आना पड़ेगा
वक्ता विश्वास लपालकर ने कहा कि सारे विश्व को आनंद देने की प्रक्रिया हमारे जीवन से शुरू होना चाहिए। आध्यात्मिक शक्ति से ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी और जब यहां का हर व्यक्ति उठेगा यानी प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र के लिए दायित्व लेकर खड़ा होगा तब भारत विश्व गुरु बनेगा। ज्ञान का प्रकाश पाने भारत आना पड़ेगा।


डॉ. वेदप्रताप वैदिक का व्याख्यान
18 जनवरी गुरुवार को विदेश नीति के जानकार डॉ. वेदप्रताप वैदिक का उद्बोधन भारत महाशक्ति कैसे बनेगा विषय पर होगा।