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घर से भागी बालिका, ट्रेन में बिना टिकट मिली, फोन पर पहचान से मुकर गए घरवाले

टीसी ने बालिका को सुरक्षित चाइल्ड लाइन को सौंपा, पुष्पक एक्सप्रेस में कर रही थी यात्रा

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खंडवा. घर से भागी एक नाबालिग लड़की ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते मिली। टीसी ने उसे सुरक्षित माहौल देते हुए उसके पास मिले फोन नंबर पर संपर्क किया तो पहले तो घरवाले उसे पहचानने से मुकर गए। ऐसे में बालिका को भुसावल रेलवे स्टेशन में उतार कर चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है। अब चाइल्ड लाइन की मदद से बालिका को उसके घर भेजने का प्रयास किया जाएगा।
सलाहपुर से आई है बालिका
भुसावल स्टेशन के टिकट जांच कर्मचारी अनिल कुमार सोनी एवं एसजे श्रीवास्तव मुख्य टिकट निरीक्षक ने को टिकट जांच के दौरान बालिका मिली थी। पूछताछ में पता चला कि वह सलाहपुर, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश से मुंबई जा रही थी। बालिका ने बताया कि वह बस से आजमगढ़ से बनारस आई फिर बनारस से लखनऊ पहुंची। इसके बाद लखनऊ से पुष्पक एक्सप्रेस 12533 में सवार होकर बिना टिकट मुंबई जा रही थी।
दो पर्चियों में लिखे थे नंबर
खंडवा से भुसावल के बीच अनिल सोनी ने टिकट जांच के दौरान सामान्य कोच में संदेहास्पद स्थिति में बालिका को यात्रा करते पाया। उसके पास ना तो कुछ सामान था और ना ही मोबाइल था। पूछने पर दो अलग अलग कागज के टुकड़ों में लिखा नंबर बताया। एक टुकड़े पर मोबाइल नंबर के आगे मम्मी और दूसरे कागज पर नंबर के आगे भाई लिखा था।
बात की और मुकर गई
टीसी ने मम्मी के नंबर पर फोन किया तो फोन रिसीव करने वाली महिला से बालिका की बात कराई। दोनों के बीच सामान्य बात हुई। जब टीसी ने बात कर महिला से बालिका का परिवार और पता पूछा तो वह उसे पहचानने से मुकर गई। बालिका जो नंबर अपने भाई विशाल का बता रही थी वो नंबर अमन का निकला और उसने बताया कि वो बालिका की बहन का देवर है। लेकिन उसने भी बालिका के माता पिता का नंबर नहीं दिया। ऐसे में रेल सुरक्षा बल भुसावल में सहायक उप निरीक्षक दीपक कवहले, अनीता वर्मा और आरक्षक आशीष यादव को बालिका की सुपुर्दगी दी गई। जहां से उसे चाइल्ड हेल्पलाइन भुसावल को सौंपा गया।