
KUBER TEMPLE ONKARESHWAR
खंडवा.
ओंकारेश्वर में स्थित कुबेर भंडारी का मंदिर प्रदेश में दूसरा और देश का छठंवा मंदिर हैं। प्रदेश में पहला मंदिर मंदसौर में जबकि दूसरा खंडवा जिले के ओंकारेश्वर तीर्थ नगरी में सिथत है, वहीं देश में पुणे महाराष्ट्र, अल्मोड़ा उत्तराखंड, करनाली बड़ोदा, रत्नमंगलम चेन्नई में स्थित है। ये सभी मंदिर देश के तीर्थ स्थानों में अपना स्थान रखते हैं।
ओंकारेश्वर की इन्हीं पौराणिक मान्यताओं के चलते तीर्थनगरी की महत्ता काफी बढ़ जाती है। इन्ही मान्यताओं में से एक कुबेर भंडारी का मंदिर भी है। वैसे तो कुबेर को शिवभक्त और धन के स्वामी के साथ ही संसार का रक्षक कहा जाता हैं, इसलिए तो इस मंदिर की महत्ता काफी बढ़ जाती है। मान्यता के अनुसार इस मंदिर में धनतेरस के दिन दर्शन करने मात्र से धन की देवी लक्ष्मी की कृपा होती है। एेसे में लोग इस मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। जब ओंकारेश्वर में श्रद्धालु आते हैं तो वहां एक बार दर्शन करने के लिए जरूर पहुंचते हैं।
कहां है कुबेर भंडारी का मंदिर
ओंकारेश्वर बांध बनने के पहले कुबेर भंडारी का मंदिर नर्मदा और कावेरी के संगम पर स्थापित था, लेकिन जब बांध बना तो इस मंदिर के लिए शासन ने एक ट्रस्ट बनाकर ओंकार प्रसादालय के पास स्थापित कर दिया, हालांकि पुराने मंदिर को विस्थापित नहीं कर पाए इसलिए वह डूब में चला गया। नवीन मंदिर में भी भक्त दर्शन करने के लिए जाते हैं। दीपावली के समय इस मंदिर में भीड़ होती है।
इसलिए है महत्व
कुबेर लंकापति रावण के सौतेले भाई और शिवभक्त भी हैं, शिव की उपसना के दौरान भगवान शंकर खुश होकर इनको धनेश होने का आशीर्वाद दिया था, इनके पास ही पुष्पक विमान था, जिसकी विशेषता यह थी कि चाहे जितने लोग बैठे एक सीट हमेशा खाली रहती है। लेकिन रावण ने उसे छीन लिया था। हालांकि रावण के मरने के बाद यह विमान वापस मिल गया। इसलिए इनकी पूजा करने से धन संपदा की कमी नहीं होती है।
Published on:
16 Oct 2017 05:36 pm
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