खंडवा.
विधानसभा 2013 में खंडवा विस से कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी व कुछ दिन शहर अध्यक्ष रहे मोहन ढाकसे को अपने नेताओं के खिलाफ बोलना महंगा पड़ गया। वरिष्ठ नेताओं को लेकर की आपत्तिजनक और अनर्गल बयानबाजी के चलते उनकी कांग्रेस से प्राथमिक सदस्यता 6 साल के लिए निरस्त करते हुए कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। करीब एक माह पूर्व उन्हे कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसके जवाब से कांग्रेस अनुशासन समिति संतुष्ट नहीं हुई और कार्रवाई की।
यह था मामला
18 जून को कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय दत्त के खंडवा दौरे पर गांधी भवन में मोहन ढाकसे ने जिला प्रभारी कैलाश कुंडल पर गंभीर आरोप लगाए थे। गांधी भवन में नेताओं से वन-टू-वन चर्चा के दौरान मोहन ढाकसे भी राष्ट्रीय सचिव से मिले थे और कहा था कि जिला प्रभारी कैलाश कुंडल 40-40 लाख रुपए में विधानसभा के टिकट बेच रहे है। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसके बाद कांग्रेस की अनुशासन समिति द्वारा इसे अनुशासनहीनता माना था और 28 जून को मोहन ढाकसे के नाम कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। मोहन ढाकसे ने इसका जवाब दिया था। मोहन ढाकसे का जवाब पीसीसी चीफ कमलनाथ और कांग्रेस अनुशासन समिति को संतुष्ट नहीं कर पाया। जिसके बाद उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी राजीव सिंह ने उनके निष्कासन का पत्र जारी किया।
उम्मीदवारी की दौड़ भी खत्म
वर्ष 2013 में विधानसभा खंडवा से मोहन ढाकसे कांग्रेस प्रत्याशी रहे थे और भाजपा के देवेंद्र वर्मा से हारे थे। आगामी विधानसभा चुनाव में भी वे कांग्रेस विस प्रत्याशी की दौड़ में शामिल थे। अरुण यादव समर्थक मोहन ढाकसे को चार माह पूर्व खंडवा कांग्रेस शहर अध्यक्ष का पद भी दिया गया था। विरोध के चलते कुछ ही दिन में शहर अध्यक्ष और ग्रामीण जिलाध्यक्ष की नियुक्ति होल्ड हो गई थी। अरुण यादव अपने समर्थक को फिर से पद दिलाने में लगे थे, जिसमें अजय ओझा को जिला ग्रामीण अध्यक्ष बनाने में सफल रहे। इसके बाद मोहन ढाकसे की विस में उम्मीदवारी के चांस भी बढ़ गए थे, लेकिन अब उनकी उम्मीदों पर व्रजपात हो गया।