खंडवा.
जिले में सक्रिय मानसून के चलते हो रही बारिश से बांधों का जलस्तर भी बढ़ा है। पंधाना ब्लॉक के दीवाल ग्राम स्थित अर्दला डैम का जल स्तर बढऩे से यहां कुएं वाले वॉल्व के पास मिट्टी धंस गई। हाल में यहां जल संसाधन विभाग ने मरम्मत करवाई थी। शुक्रवार दोपहर को यहां पहुंचे ग्रामीणों ने मिट्टी धंसी देखी तो गांव में दहशत फैल गई। पिछले साल भी यहां बारिश के दौरान डैम में दरार पडऩे से बांध टूटने का खतरा मंडराया था। बारिश के पूर्व ही यहां मरम्मत कराई गई, जिसकी पोल भी खुल गई।
शुक्रवार को ग्राम दीवाल निवासी किसान अर्दला डैम के निचले हिस्से में मौजूद अपने खेतों में पहुंचे थे। ग्रामीण महेश कठोर, राजपालसिंह सावनेर, राहुल प्रजापति आदि ने यहां अर्दला डैम के कुए वाले वॉल्व के पास पाल की मिट्टी धंसी देखी। पिछले साल भी यहां डैम में पांच जगह दरार आई थी। जिसके चलते डैम टूटने का खतरा बना था। तीन माह पूर्व यहां मरम्मत कराई गई थी। इसके बाद बारिश की खेंच के चलते तालाब का जल स्तर कम था। सितंबर में शुरू हुई बारिश के चलते जल स्तर बढ़ते ही मरम्मत कार्य की पोल भी खुलने लगी। ग्रामीणों के अनुसार तालाब की नहर के गेट में भी खराबी आई थी। जिसके बाद नहर में तालाब का पानी रोकने के लिए यहां एक सप्ताह पूर्व ही करीब 150 बोरी मुरुम से बोरी बंधान भी बनाया गया था। अब मिट्टी धंसने का मामला सामने आया है।
पत्रिका की सूचना पर रात में पहुंचा अमला
किसानों ने मिट्टी धंसने की जानकारी पत्रिका को दी। इसके बाद पत्रिका ने जल संसाधन विभाग कार्यपालन यंत्री को मामले से अवगत कराया। किसानों में फैल रही दहशत को देखते हुए रात 9 बजे जल संसाधन विभाग एसडीओ मनीष मंडरई व अमला यहां जेसीबी लेकर पहुंचा। यहां पर रात में ही मिट्टी हटाकर हार्ड मुरुम डलवाकर बांध की नहर का गेट बंद कराया गया। विभाग का कहना है कि मिट्टी धंसने जैसी कोई बात नहीं थी। एहतियात के दौर पर अतिरिक्त मुरुम डलवा दी गई है।
मिट्टी का ढेर धंसा था
यहां बारिश नहीं होने से किसानों ने नहर का गेट खोल लिया था, कचरा-मिट्टी फंसने से गेट बंद नहीं हो रहा था, इसलिए यहां पर मिट्टी डलवाने के लिए रखी गई थी, जो बारिश से धंस गई। ग्रामीणों में दहशत थी कि कोई हादसा न हो जाए, इसके लिए अतिरिक्त हार्ड मुरुम डलवा रहे हैं। घबराने की कोई बात नहीं है।
मनीष मंडरई, एसडीओ जल संसाधन विभाग