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ये कैसी इमरजेंसी, पैबंद लगाने रोक दिया रास्ता

वाहनों में चिपक कर उखड़ता रहा डामर, आने- जाने वालों को हुई असुविधा

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What kind of emergency is this, blocking the way

What kind of emergency is this, blocking the way

खंडवा. सड़क पर पैबंद लगाने की ये कैसी इमरजेंसी है, चलते रास्ते पर डामर की परत बिछाना शुरू कर दिया। परत भी ऐसी बिछाई कि जब वाहन उस पर दौड़े तो पैबंद की परतें पहियों के साथ जाने को मजबूर हो गईं। इसी को कहते हैं, आंखों के सामने जनता का पैसा माटी में मिला देना। लेकिन यहां भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले इस तरह के काम आए दिन किए और कराए जाते हैं। जो भले ही जनता के फायदे के लिए हो रहे हों, लेकिन इसका सीधा फायदा उन्हीं को होता है, जो सुनियोजित तरीके से नियमों को ताक पर रख देते हैं।
यहां हम बात कर रहे हैं बड़ा बम से रामेश्वर पुलिया की ओर बने मार्ग की। शुक्रवार की दोपहर इस मार्ग में पैबंद लगाने का काम तब शुरू कर दिया गया, जब मार्ग व्यस्त था। जहां पैबंद लगाए जा रहे थे उससे चंद कदम की दूरी पर विधायक आवास भी है। जानकार बताते हैं कि दिन के वक्त कराए गए इस काम के कोई फायदे नहीं हैं। पैबंद लगाने में जो रकम खर्च की गई वह मिनटों में बर्बाद हो गई। सड़क को सुधारने का काम कराने वालों को रात के वक्त डामर बिछाना था। ताकि सड़क का वह हिस्सा सुरक्षित कर लिया जाता जहां डामर बिछाया गया है। इससे काम भी बेहतर होता और आम जनता को लाभ मिलता। यहां डामर बिछाने के दौरान आने जाने वालों में चर्चा रही कि भ्रष्टाचार छिपाने के लिए ही दिन में इस व्यस्त मार्ग पर काम कराया जा रहा है। ताकि कागजों में काम दिखाकर बारा न्यारा कर लिया जाए।
बेरीकेट भी नहीं लगाए
पैबंद लगाने से पहले मार्ग को सुरक्षित करना जरूरी था। लेकिन डामर बिछाने वाले ठेकेदार ने अपने वाहनों को सड़क में खपड़ा किया और मजदूरों को काम पर लगा दिया। ऐसे में वाहन चालकों को दिक्कत होती रही। डामर बिछाने वाली जगह को सुरक्षित नहीं किया जिससे वाहन इसी से होकर गुजरते रहे और डामर उखड़ता रहा।
सड़क पर बढ़ गया खतरा
डामर के साथ बिछ़ाई जाने वाले जीरो गिट्टी जब वाहनों के पहियों से चिपक कर निकली तो आगे के रास्ते में वाहनों के फिसलने का खतरा बढ़ गया। कई दोपहिया वाहन चालक शाम के बाद यहां गिरने से भी बचे। काम देखने वालों ने डामर की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए हैं।