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खंडवा

मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज नहीं मिला तो बिना डिस्चार्ज कराए मरीज को निजी अस्पताल ले गए परिजन

मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज की व्यवस्था लाइलाज होती जा रही है। गंभीर मरीजों को तो रेफर किया ही जा रहा है, दूसरे मरीजों का भी सही ढंग से इलाज नहीं हो पा रहा है। ताजा मामला 70 वर्षीय वृद्धा के इलाज से जुड़ा है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 6 दिन भर्ती रहने के बाद भी ठीक से इलाज नहीं होने पर घायल वृद्धा दर्द से तड़पती रही। डॉक्टर्स ने कह इलाज हो गया, घर ले जाओ। परिजन बिना डिस्चार्ज कराए निजी अस्पताल ले गए।

खंडवाMay 16, 2025 / 11:53 am

मनीष अरोड़ा

medical collage khandwa

खंडवा. निजी अस्पताल में भर्ती वृद्धा को चढ़ रहा ब्लड।

-दुर्घटना में घायल 6 दिन से भर्ती वृद्धा इलाज के लिए तड़पती रही
-बेटे को पहले ही गंभीर अवस्था में होने से कर दिया था इंदौर रेफर
-मेडिकल कॉलेज सह जिला अस्पताल में लाइलाज हुई व्यवस्था

मामला दुर्घटना से जुड़े घायलों का है। 9 मई को ग्राम टोकरखेड़ा निवासी जीवन बाई दगड़ुसिंह राजपूत अपने बेटे मुकेशसिंह और पोते कुणाल के साथ बाइक पर सवार होकर पास के गांव जा रही थी। इस दौरान एक चार पहिया वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। बाइक सवार तीनों लोग घायल हो गए, जिन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां मुकेश की स्थिति गंभीर होने पर मौजूदा डॉक्टर्स ने तुरंत ही इंदौर रेफर कर दिया। मुकेश वर्तमान में इंदौर के एक अस्पताल में वेंटिलेटर पर है। वहीं, घायल जीवन बाई को सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया गया। कुणाल को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
दिन में सिर्फ एक इंजेक्शन लगा रहे थे
घायल वृद्धा जीवनबाई के भतीजे गोविंदसिंह सगर ने बताया कि छह दिन से कोई इलाज नहीं किया जा रहा था। जब डॉक्टर राउंड पर आता, तब एक इंजेक्शन लगा देते, दिन में एक स्लाइन चढ़ा देते। घायल का एक्सरे भी हुआ, लेकिन उसमें क्या रहा किसी डॉक्टर ने नहीं बताया। दिनभर में भी कोई बड़ा डॉक्टर देखने नहीं आता था। मंगलवार को बोला कि बुआजी ठीक है, छुट्टी कराकर घर ले जाओ, जबकि वह दर्द से तड़प रही थी। हम बिना डिस्चार्ज कराए निजी अस्पताल ले आए।
जांच के बाद पता चला हड्डी में फ्रैक्चर
मंगलवार को परिजन घायल महिला को मेडिकल कॉलेज अस्पताल से निजी अस्पताल ले गए। यहां जांच में पता चला कि वृद्धा की जांघ की हड्डी के पास दो फ्रैक्चर है। जांच के बाद महिला का इलाज शुरू हुआ। वृद्धा का हीमोग्लोबिन भी कम था, जिसके चलते दो यूनिट ब्लड भी यहां चढ़ाया गया। परिजन ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।
हमें शिकायत करना थी
जिला अस्पताल में सिविल सर्जन, अधीक्षक का कार्यालय भी है, ऐसा कुछ था तो सीधे हमसे शिकायत करते, हम इलाज करवाते। मरीज की फाइल देखकर, किस डॉक्टर ने इलाज किया है, उसकी जांच की जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
डॉ. रंजीत बड़ोले, अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज अस्पताल

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