
खरगोन. पुलिस जवानों की लापरवाही की कहानियां हम अक्सर सुनते व देखते हैं, लेकिन कुछ सिपाही ऐसे भी होते हैं जो मानवता की जीती-जागती मिसाल होते हैं। खरगोन में पदस्थ सैनिक शुभम ने भी ऐसी ही मानवता दिखाई। दरअसल सेंधवा निवासी 75 वर्षीय बुजुर्ग श्रवण भुलकू बंजारा अपनी गर्भवति बेटी से मिलने के लिए घर से पैदल ही निकला।
वह बुधवार रात करीब 2 बजे 80 किमी का सफर तय कर खरगोन पहुंचा। थकान के बीच हिम्मत जवाब दे गई। उसे बिस्टान के नजदीक कसारपुरा में ब्याही बेटी के घर जाना था। लंबी दूरी के बाद श्रवण बिस्टान नाका स्थित मंदिर में सुस्ता रहा था। इसी दौरान रात करीब 2 बजे ड्यूटी से घर लौट रहे सैनिक शुभम की नजर बुजुर्ग पर पड़ी। शुभम ने श्रवण की पूरी बात सुनी। श्रवण ने बताया उसे मालूम में लॉकडाउन है। महामारी फैली है, लेकिन बेटी के घर जाना भी जरूरी था। शुभम बुजुर्ग को अपने घर ले गए और भोजन कराया। रात तीन बजे अपनी बाइक से कसारपुरा तक छोडऩे भी गए।
वास्तव में किया सैनिकों वाला काम
टीआई प्रकाश वास्कले ने बताया सैनिक शुभम की मानवता ने पुलिस महकमे को गौरवान्वित किया है। घर पर भोजन कराने के बाद रात 3 बजे अपनी बाइक से छोडऩे भी गया। जबकि दिनभर अस्पताल में ड्यूटी करने के बाद किसी की हिम्मत नहीं होती रात में भी जागे मगर सैनिक ने वास्तव में सैनिकों वाला काम किया है।
Published on:
21 May 2021 08:42 am
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