
खिलाडिय़ों ने सर्टिफिकेट फाडकऱ हवा उड़ाए।
खरगोन. स्टेडियम मैदान पर गुरुवार को सांसद खेल महोत्सव का समापन हंंगामे की भेंट चढ़ गया। यहां जिन खिलाडिय़ों को पुरस्कृत किया गया उन्होंने सर्टिफिकेट फाडकऱ हवा में उछाल दिए और मेडल भी फेंक दिए। खिलाडिय़ों का कहना है कि दूर-दूर से महोत्सव में भाग लेने के लिए आए हैं। पहले नकद पुरस्कार देने की बात कही थी, समापन पर सर्टिफिकेट और मेडल दे दिए। यहां कोई सुविधाएं नहीं दी गई। मेडल घर पर डिब्बा भरकर है। नकद पुरस्कार देना था। खिलाडिय़ों ने इसी मसले पर हंगामा कर दिया और देखते ही देखते स्थिति खींचतान वाली बन गई।
सांसद खेल महोत्सव के समापन पर खिलाडिय़ों द्वारा इस तरह सम्मान को ठुकराना किसी के गले नहीं उतरा। खिलाडिय़ों ने मैदान पर ही प्रमाण पत्र फाड़े और हवा में उड़ा दिए। मेडल भी मैदान में फेंके गए। नकद पुरस्कार की मांग को लेकर खिलाडिय़ों का यह प्रदर्शन यहां तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने राज्यसभा सांसद सुमेरसिह सोलंकी के सामने खुला विरोध दर्ज कराया। खिलाड़ी छात्राओ का आरोप है कि नकद राशि देने का प्रचार किया गया था, लेकिन समापन के समय खिलाडिय़ों को खाली हाथ लौटना पड़ा। शुरुआत में तो राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी छात्रों को समझाने का प्रयास करते नजर आए, लेकिन हालात बिगड़ते देख वे अपने वाहन में बैठकर वहां से निकल गए। छात्रा खिलाडिय़ों का आरोप था कि बड़वानी जिले में खिलाडिय़ों को नगद राशि दी गई, लेकिन यहां हमें सिर्फ प्रमाण पत्र थमा दिए गए। समारोह में राज्यसभा सांसद सहित कलेक्टर भव्या मित्तल, एसपी रविंद्र वर्मा मौजूद थे।
खिलाड़ी हर्षिता राठौड़, उवर्शी चौहान सहित अन्य खिलाडिय़ों ने कहा- महोत्सव में भाग लेने के लिए हर कोई दूर-दूर से अपने किराए खर्चे पर आए हैं। अपनी बात रखना चाहा तो यहां कोई सुनने वाला नहीं है। तीन दिन से पानी तक नहीं मिला है। हम पागल है क्या, पूरी टीम को मेडल तक नहीं बांटे। ऐसे उत्सव में खेल आगे कहां बढ़ रहा है।
राज्यसभा सांसद सुमेरसिंह सोलंकी ने कहा- खेल महोत्सव की शुरुआत 17 सितंबर से हुई थी। पहले गांव, पंचायत, विकासखंड स्तर पर आज जिला स्तर पर समापन हुआ। इसका उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को खेल से जोडऩा, फिट इंडिया मुवमेंट के तहत प्रत्येक व्यक्ति को आनंदमयी और शारीरिक रूप से मजबूत रखना है। प्रत्येक सांसद ने अपनी क्षमता के अनुसार इन कार्यक्रमों को आयोजित किया। इसके लिए शासन स्तर से बजट की व्यवस्था नहीं है। मैं राज्यसभा सांसद हंू। निर्वाचित सांसद नहीं हुं, लेकिन जितना बन पड़ा उतना बेहतर किया है। जितना बेहतर सम्मान दे सकते थे दिया है।
-मेरे पास नकद पुरस्कार देने का कोई बजट नहीं है। जहां कहीं राशि दी गई है, वह स्थानीय स्तर पर फंड की व्यवस्था से दी गई है। -सुमेरसिंह सोलंकी, राज्यसभा सांसद, खरगोन-बड़वानी
-खिलाडिय़ों के लिए भोजन, पानी, स्वल्पाहार की व्यवस्था की थी। नकद पुरस्कार का कोई कमिटमेंट नहीं था। कैटेगिरी में सर्टिफिकेट, मेडल देकर सम्मानित करने की बात कहीं थी। -पवि दुबे, जिला खेल अधिकारी, खरगोन
Published on:
26 Dec 2025 10:48 am
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