लॉकडाउन में आमदनी हुई कम, महंगाई से खर्च दोगुना बढ़ा
महंगाई की मार : एक जनवरी से जून 2021 के बीच गैस प्रति सिलेंडर 125 रुपए, पेट्रोल पर प्रति लीटर 7.46 रुपए की बढ़ोतरी
Inflation fire in kitchen: Price increased by Rs 245 in 12 months, subsidy still Rs 27
खरगोन. पिछले डेढ़ साल में दो बार लगे लॉकडाउन में आम आदमी की कमाई घटकर आधी हो गई। वहीं खर्च बढ़कर दोगुना तक पहुंच गया। ऐसे में मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए घर चलाना मुश्किल हो गया है। पेट्रोल-डीजल के अलावा रसोई गैस की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। वहीं घर में उपयोग होने वाली खाद्य सामग्री के बढ़े दामों ने भी लोगों की कमर तोड़ दी है।
बीते छह माह में ही पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके कारण सब्जियों, फलों, दालों और अनाजों के दामों में भी बीस से तीस फीसदी का उछाल आया है। महंगाई का असर सीधे आम आदमी के घर के बजट पर पड़ रहा है। जनता के मुताबिक एक सामान्य परिवार पर प्रति महीने 800 से 1000 रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ा है। वहीं मध्यम आय वर्ग के लोगों पर भी 2000 से 2500 रुपए प्रति महीने तक का भार बढ़ा है।
निजी फाइनेंस कंपनी में काम करने वाले संजय राठौर, मनीष पाटीदार ने बताया कि कोरोना काल में ऑफिस बंद हो गए। कंपनियों ने वर्क फ्राम होम के तहत काम कराया, लेकिन जो पगार मिल रही थी उसमें कटौती कर दी। 18000 रुपए प्रति माह जो सैलेरी मिल रही थी वह एक साल से 8 से 10 हजार रुपए मिल रही है। ऐसे में 3500 रुपए के आसपास मकान किराया, 1200 रुपए का किराना, 700 रुपए का दूध, 600 रुपए की सब्जियों का खर्च तो निकल रहा है, लेकिन बचत के नाम पर कुछ नहीं। कीटनाशक कंपनी में काम करने वाले रोहित यादव, सुनील यादव, महेंद्र पाटीदार ने बताया अभी सीजन खेती का है। किसानों तक पहुंचने के लिए रोजाना जिले के गांव-गांव भ्रमण करते हैं। एक दिन में औसत 150 से 200 किमी बाइक चलती है। बाइक का माइलेज 45 किमी प्रति लीटर है। इस लिहाज से रोजाना तीन से चार लीटर पेट्रोल खर्च हो रहा है। फिलहाल पेट्रोल की कीमत 109 रुपए लीटर तक पहुंच गई है। यानी एक दिन का खर्च 400 रुपए के ऊपर का है।
छह माह में बढ़े करीब 25 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल के दाम
एक जनवरी 2021 को पेट्रोल की कीमत 83.71 रुपए प्रति लीटर थीं, जो वर्तमान में बढ़कर 109 रुपए तक पहुंच चुकी हैं। इस प्रकार प्रतिदिन 20 से 25 रुपए प्रतिदिन अतिरिक्त चुकाना पड़ रहा है। मासिक तौर पर यह 550-560 रुपए के करीब बैठता है। यानी बाइक से चलने वाले एक औसत परिवार को पेट्रोल पर प्रति महीने 500-550 रुपए अतिरिक्त चुकाना पड़ रहा है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का असर सब्जियों और अनाज के दामों पर भी पड़ा है। डीजल कीमतों में बढ़ोत्तरी से ट्रक माल भाड़े में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है। इससे महाराष्ट्र, नागपुर, नासिक की मंडियों से आने वाले फलों की कीमत 60 से 70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।