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कुंडली मिलान से पहले ये मेडिकल जांच जरूरी, पॉजीटिव हो टेस्ट तो शादी से करें इनकार

'ये बीमारी अनुवांशिक है। इसके दो प्रकार हैं। एक वाहक और एक डिसीज। शादी के समय बड़े लोग जन्मपत्री दिखाते हैं। मैं आदिवासी पालकों को बोलता हूं कि पहले इस बीमारी का कार्ड मिलाओ...' ये कहना है प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल का। जाने किस बीमारी के बारे में की बात...

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सिकलसेल बीमारी अनुवांशिक है। इसके दो प्रकार हैं। एक वाहक और एक डिसीज। शादी के समय बड़े लोग जन्मपत्री दिखाते हैं। मैं आदिवासी पालकों को बोलता हूं कि पहले सिकलसेल का कार्ड मिलाना चाहिए। दोनों को वाहक है तो कभी भी शादी मत करो। चाहे युवक कितने भी पैसे वाला हो। युवती कितनी भी स्वरूपवान हो। यह राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने शुक्रवार को कही।

स्टेडियम में आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण एवं रक्तदान शिविर में राज्यपाल ने कहा कि जहां सिकलसेल की जांच हो गई, वहां वाहक व डिसीज के पीड़ितों को पहले कार्ड दिए जाए। प्रदेश में करीब 12 लाख कार्ड प्रदान किए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा, रक्तदान एक सर्वोत्तम दान है जो दूसरे की जान बचाने के काम आता है। अत: युवा अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करने के लिए आगे आएं। रक्तदान करने वाले युवाओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। देश में 2025 तक टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य है। घर में टीबी का मरीज होने पर उसके अलग रहने की व्यवस्था की जाए और छह माह तक नियमित रूप से दवा का सेवन किया जाए तो टीबी का मरीज ठीक हो जाता है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने 2047 तक सिकलसेल उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। मरीज ज्यादा तैलीय पदार्थ न खाएं। घर पर ही मोटे अनाज को अपने भोजन में शामिल करें। भारत सरकार ने मिलेट के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का बजट रखा है।