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MP में अजब ट्रांसफर! बंद पड़े स्कूलों में कर दिया शिक्षकों का तबादला, कांग्रेस ने खोला मोर्चा

mp transfer policy: मृतक शिक्षकों के तबादले के बाद एमपी में तबादला पॉलिसी का नया नमूना देखने को मिला है। इसकी जानकारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने प्रेस वार्ता में दी और भाजपा सरकार को घेरा। (teachers transferred to closed schools)

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खरगोन

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Akash Dewani

Jul 23, 2025

teachers transferred to closed schools mp transfer policy khargone

teachers transferred to closed schools mp transfer policy khargone (फोटो सोर्स- Patrika)

mp transfer policy:जनजातीय कार्य विभाग ने मृत शिक्षक का ट्रांसफर कर दिया। जिन शालाओं को स्वयं विभाग नें बंद कर दिया उन शालाओं में भी शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी। यह आरोप खरगोन कांग्रेस जिलाध्यक्ष रवि नाईक ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि नियमों के विरुद्ध परीविक्षा अवधि में पहले शिक्षकों के स्थानांतरण कर दिए, जिन्हें बाद में निरस्त कर दिया। (teachers transferred to closed schools)

रवि नाईक ने आगे बताया कि मप्र सरकार द्वारा कर्मचारियों के स्थानांतरण के लिए स्थानांतरण नीति 2025 बनाई गई थी। परंतु इसका पालन नहीं किया गया। नियमों के खिलाफ शिक्षकों के स्थानांतरण किए गए। इससे पता चलता है कि अधिकारियों को किसी का खौफ नहीं है और उन्हें सरकार में बैठे विधायकों, मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त है।

शिक्षकों ने लिया स्टे, पत्रिका ने उठाया था मुद्दा

जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि जिले में 100 से अधिक शिक्षक अपने स्थानांतरण के खिलाफ कोर्ट से स्थगन आदेश ले आए। वो भी तब जब सरकार ने ट्रांसफर को लेकर कोर्ट में पहले से ही केवीएट दायर कर रखी है। स्थगन मिलना इस बात का प्रमाण है कि विभाग ने नियमों के विरु‌द्ध स्थानांतरण किए हैं। गौरतलब है कि पत्रिका ने सबसे पहले 20 जून को 'तबादला प्रक्रिया पर उठे सवाल, मृत और निलंबित शिक्षक का किया ट्रांसफर' शीर्षक से प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।

ट्रांसफर के नाम पर वसूले गए पैसे

जिलाध्यक्ष नाईक ने कहा कि विभाग ने फरवरी में दिवगंत हो चुके शिक्षक पूनम सिंह रावत का 17 जून को ट्रांसफर कर दिया। इसी प्रकार स्थानांतरण नीति के विपरित माध्यमिक विद्यालय कमांक 8 के शिक्षक अशोक कुमार सोनी का सेवानिवृत्ति से 13 दिन पहले 17 जून को ट्रासंफर कर दिया। इसी प्रकार जिन स्कूलों मैं पहले से ज्यादा शिक्षक मौजूद थे, वहां से शिक्षकों को हटाने के बजाय और भी शिक्षकों की पोस्टिंग कर दी। उनका आरोप है कि ट्रांसफर में भारी भ्रष्टाचार हुआ है और लाखों रुपए की वसूली की गई है। उन्होंने इस पूरे मामले में दस्तावेज भी दिखाए।