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लोक संस्कृति के नाम रहा निमाड़ उत्सव का दूसरा दिन

Nimar Utsav 2024 : निमाड़ उत्सव का दूसरे दिन लोकगीत और नृत्य ने बांधा समां, लोक संस्कृति की बिखरी छंटा...देखें तस्वीरें।

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NIMAR utsav 2024

Nimar Utsav 2024 : मां नर्मदा के तट पर देवी अहिल्या किले परिसर में चल रहे निमाड़ उत्सव(Nimar Utsav 2024) का दूसरा दिन लोक संस्कृति के नाम रहा। मंच पर विभिन्न राज्यों की विविधतापूर्ण झलकियां देखने को मिलीं। आयोजन में निमाड़ी लोकगीत, पारंपरिक नृत्य और जनजातीय प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इटारसी के गायक विकास शुक्ला ने साथी कलाकारों के साथ खेल खेल म्हारो मदन गोपाल, होली खेल गिरधारी भक्तिगीत गाकर मन मोह लिया।

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मनीषा शास्त्री, राखी बांके, सोनाली ठाकरे और विकास शुक्ला के समूह ने निमाड़ी लोकगीतों की प्रस्तुति से मिठास घोली। साधना उपाध्याय और उनकी टीम ने पारंपरिक गणगौर नृत्य की सुंदर प्रस्तुति दी।

इन राज्यों की संस्कृति भी हुई प्रदर्शित

करमा नृत्य : बैगा जनजातीय नृत्य को दयाराम और उनके साथियों ने प्रस्तुत किया, जिसने पारंपरिक जीवनशैली को जीवंत कर दिया।

छाऊ नृत्य : रांची से आए सुग्रीव महतो और उनकी टीम ने इस नृत्य के जरिए अपनी कला का प्रदर्शन किया।

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भांगड़ा और गिद्धा नृत्य : पटियाला के नरेंद्र सिंह और उनकी टीम ने जोश और उत्साह से भरपूर भांगड़ा और गिद्धा की प्रस्तुति दी।

गोतीपुआ नृत्य: ओडिशा के चंद्रमणि प्रधान और उनकी टीम ने गोतीपुआ नृत्य के माध्यम से शारीरिक लचीलापन और कला का अद्भुत संगम दिखाया।

आज यह होगा

निमाड़ उत्सव(Nimar Utsav 2024) में तीसरे दिन 17 नवंबर को काठी नृत्य, गोंड जनजाति नृत्य, काव्यपाठ, कबड्डी और रंगोली स्पर्धा होगी।