
विधायक तौसीफ आलम (फोटो- Tauseef alam facebook)
Kishanganj Army Camp: सीमांचल में प्रस्तावित आर्मी कैंप को लेकर बिहार में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से AIMIM विधायक तौसीफ आलम ने किशनगंज जिले के सकोर इलाके में प्रस्तावित आर्मी कैंप का खुलकर विरोध किया है और इसे दूसरी जगह बनाने की मांग की है। विधायक ने न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि मुख्यमंत्री स्तर पर भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।
विधायक तौसीफ आलम का कहना है कि जिस जमीन पर आर्मी कैंप बनाने का प्रस्ताव है, वह पूरी तरह से उपजाऊ खेती की जमीन है। लगभग 200 एकड़ जमीन अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है, जिस पर अभी खेती हो रही है। उनका दावा है कि अगर यह जमीन सेना को दे दी जाती है, तो इससे सैकड़ों किसानों की रोजी-रोटी सीधे तौर पर प्रभावित होगी और इलाके में भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है। उनका दावा है कि कोचाधामन और बहादुरगंज ब्लॉक में इस प्रस्ताव के खिलाफ लोगों में गुस्सा है और वे खुलकर इसका विरोध कर रहे हैं।
तौसीफ आलम ने साफ तौर पर कहा, “हम देश की सुरक्षा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सुरक्षा के नाम पर किसानों को विस्थापित करना किसी भी सूरत में सही नहीं है। अगर किसान खुद भूखे रहेंगे, तो सुरक्षा की नींव मजबूत कैसे हो सकती है?”
इस संबंध में विधायक ने किशनगंज के जिलाधिकारी से मुलाकात की और एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में सकोर, सतभिट्टा और नटुआ पारा गांवों के किसानों की आपत्तियों का जिक्र है और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है। तौसीफ आलम ने साफ किया कि अगर प्रशासन किसानों की बात नहीं सुनता है, तो वे लोकतांत्रिक तरीकों से आंदोलन तेज़ करेंगे।
इससे पहले, विधायक तौसीफ आलम ने इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी और उनसे किसी वैकल्पिक जगह पर आर्मी कैंप बनाने का आग्रह किया था ताकि विस्थापन और सामाजिक तनाव से बचा जा सके। विधायक का तर्क है कि अगर घनी आबादी वाले और कृषि क्षेत्रों से दूर किसी जगह का चयन किया जाता है, तो सुरक्षा का मकसद भी पूरा होगा और किसानों को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
यह मुद्दा सिर्फ AIMIM तक ही सीमित नहीं रहा। इससे पहले, किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मामले पर सरकार का ध्यान खींचा था। उन्होंने यह भी कहा था कि प्रस्तावित जमीन खेती लायक है और आबादी वाले इलाकों के पास है, इसलिए आर्मी कैंप कहीं और बनाया जाना चाहिए।
Updated on:
24 Dec 2025 04:22 pm
Published on:
24 Dec 2025 04:21 pm
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