
Gangasagar mela 2023: न जीपीएस काम आया और न ही संचार के अन्य साधन - घने कुहासे में तीर्थयात्रियों की संकटमोचक बनी एनडीआरएफ
कोलकाता. गंगासागर मेले में तीर्थयात्रियों से भरी नौकाएं (लांच व वेसल) सागरद्वीप आते समय घने कोहरे में रास्ता भटक गईं। आसमान को छू रही जलराशि में कुछ मीटरों की विजिबिल्टी के सहारे अनुभवी नाविकों ने एनडीआरएफ की मदद से यात्रियों से भरी नौकाओं (लांच व वेसल) को सुरक्षित किनारे लगाया।
एनडीआरएफ से मिली जानकारी के मुताबिक घने कुहासे में जब संपर्क के अत्याधुनिक साधन काम करना बंद कर देते हैं तो अनुभव के आधार पर मिशन चलाया जाता है। लगातार दो दिनों से बल ने घने कुहासे में लंबे अभियान चलाए। रविवार तड़के तीन घंटे व शनिवार तड़के तीन घंटे चले अभियान में रास्ता भटकी सात नौकाओं काे सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाया गया।
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हाई पावर टार्च और सीटी बनी सहारा
एनडीआरएफ के अभियान के दौरान हाई पॉवर टार्च और सीटियां ही सहारा बनीं। लांचों के करीब जाकर उन्हें टार्च की रोशनी से सतर्क किया गया। फिर सीटियों के सहारे निर्देशित किया गया। लांचों को रेस्क्यू dर सुरिक्षत उनके चैनल में ले जाकर किनारे तक लगवाया गया।
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कुहासे के कारण हुई समस्या
मकर संक्रांति के दौरान लगातार दो दिनों तक कुहासे के कारण समस्या हुई। जल परिवहन पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा। लांच में लगी अत्याधुनिक तकनीक जीपीएस भी प्रभावित हुई। प्रकृति की औचक घटनाओं से हर समय त्वरित तरीके से नहीं निपटा जा सकता है।
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स्नेहाशीष चक्रवर्ती- परिवहन मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार
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साहस, सावधानी और अनुभव से किया रेस्क्यू
एनडीआरएफ की अलग अलग टीमों ने लगातार दो दिनों तक साहस, सावधानी और अपने लंबे अनुभव के आधार पर अभियान चलाकर रास्ता भटके कुल सात लांच को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाया है। बल इस तरह के अभियान के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित है।
सुधीर द्विवेदी, प्रभारी- एनडीआरएफ
Published on:
16 Jan 2023 12:34 pm
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