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कोलकाता

जादवपुर विश्वविद्यालय की होगी 29 कैमरे से निगरानी

- वेबेल ने शुरू किया सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम - रैगिंग के बाद प्रबंधन ने उठाया कदम  

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कोलकाता. जादवपुर विश्वविद्यालय में शनिवार से सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने का काम शुरू किया गया। राज्य सरकार की कंपनी वेबेल ने परिसर के प्रवेश द्वारों समेत सर्वर रूम में कैमरे लगाने शुरू किए। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के पांच प्रवेश द्वार और अरविंद भवन के सामने कैमरे लगाए जाएंगे। कुल 29 सीसीटीवी कैमरों से पूरे परिसर पर नजर रखी जाएगी। जिनमें से 26 कैमरों से परिसर के अलग-अलग हिस्सों में निगरानी की जाएगी। वहीं तीन कैमरे सर्वर रूम के अंदर की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रैगिंग के चलते हाल में एक छात्र की मौत के बाद प्रबंधन ने यह कदम उठाया है।

तीन प्रकार के कैमरे, तीनों की विशेषता अलग

विश्वविद्यालय परिसर में लगाए जा रहे तीन प्रकार के सीसीटीवी कैमरों की विशेषता अलग-अलग है। वेबेल सूत्रों के मुताबिक अभी परिसर में एनपीआर कैमरे, बुलेट कैमरे और डोम कैमरे लगाए जा रहे हैं। शुरुआती चरण में पांच एनपीआर कैमरे लगाने का निर्णय लिया गया है। एनपीआर (नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरे मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के प्रवेश द्वार पर लगाए जाएंगे। इन कैमरों की खास बात यह है कि ये किसी भी वाहन की नंबर प्लेट को पढ़ सकते हैं। इस कैमरे की सहायता से परिसर में आने-जाने वाहनों की पहचान सुनिश्चित होगी।

परिसर में 21 बुलेट कैमरे

वहीं परिसर में 21 बुलेट कैमरे भी लगाए जा रहे हैं। हाई मेगापिक्सल वाले इन कैमरों से हाई रेजोल्यूशन (बेहतर गुणवत्ता) वाली फुटेज प्राप्त की जा सकती है। इन कैमरों में नाइट विजन भी है। इसका मतलब दिन रात दोनों समय में इन कैमरों की फुटेज अच्छी गुणवत्ता वाली मिलेगी। इसके अलावा सीसीटीवी के सर्वर रूम में डोम कैमरे लगाए जा रहे हैं। ये कैमरे 360 डिग्री निगरानी में सक्षम हैं।

15 दिनों में काम होगा पूरा: वेबेल

वेबेल के प्रोजेक्ट हेड व परिसर में सीसीटीवी लगाने के प्रभारी शुभंकर पाल के मुताबिक कैमरे लगाने का काम अगले 15 दिनों के भीतर पूरा हो जाएगा।

छात्रों का घेराव, बीमार पड़े कुलपति

जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति बुद्धदेव साव का शनिवार को परिसर में छात्रों के एक समूह ने घेराव किया। जिससे वे बीमार पड़ गए। कुलपति ने कहा कि पूरे जीवन में उनका ब्लड प्रेशर इतना कभी नहीं बढ़ा। कुलपति ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यायल के सभी हितधारकों से चर्चा के लिए समिति बनाई है लेकिन कुछ लोग उन्हें काम नहीं करने देना चाहते हैं। वे अपनी पसंद के कुलपति चाहते हैं। कुलपति के मुताबिक ऐसे लोग चाहते हैं कि वे बीमार होकर मारे जाएं और फिर उनकी इच्छा पूरी हो जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी हितधारकों की बैठक बुलाने को लेकर जल्द फैसला किए जाने की जरूरत है ऐसा नहीं हुआ तो ईसी (कार्यकारी परिषद) की बैठक स्थगित करनी पड़ेगी जिससे प्रशासकीय समस्याएं सामने आएंगी।