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तृणमूल नेता की हरकत के बाद गुस्से में चुनाव आयोग, ECI ने दे दिया बड़ा आदेश, कहा-अब…

Trinamool MLA Asit Majumdar Stop SSR: तृणमूल विधायक की ताकत आजमाइश ने चुनाव आयोग को एक्शन लेने के लिए मजबूर कर दिया है। विधायक असित मजूमदार ने जबरदस्ती वोटर लिस्ट पर चल रही सुनवाई को रोक दिया था।

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चुनाव आयोग। (फोटो- IANS)

ECI vs BLA: चुनाव आयोग इस समय तेजी से SIR के काम में लगा हुआ है। इस दौरान पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बारे में दावों और आपत्तियों पर सुनवाई(SSR) चल रही है। सुनवाई के दौरान तृणमूल विधायक के द्वारा की गई हरकत पार्टी को महंगी पड़ती दिख रही है।

विधायक के द्वारा जबरदस्ती ड्राफ्ट पर चल रही सुनवाई में बाधा डाली गई, जिसके बाद चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि ड्राफ्ट पर चल रही सुनवाई में किसी भी BLA को शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बता दें कि चुनाव आयोग का यह आदेश तृणमूल विधायक के बंगाल जिले में सुनवाई की प्रक्रिया को रोकने के बाद आया था।

चुनाव आयोग का आदेश

भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने सोमवार को एक आदेश जारी किया है। इसमें आयोग ने यह साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बारे में दावों और आपत्तियों पर सुनवाई में किसी भी राजनीतिक पार्टी के बूथ-लेवल एजेंट (BLA) को मौजूद रहने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) मनोज कुमार अग्रवाल के ऑफिस के सूत्रों ने बताया कि ECI ने यह साफ कर दिया है कि अगर किसी राजनीतिक पार्टी का कोई BLA सुनवाई सेशन में मौजूद होता है, तो चुनावी रजिस्ट्रेशन अधिकारी (ERO) जिम्मेदार होंगे।

चुनाव अधिकारियों को निर्देश

ECI ने जिला मजिस्ट्रेटों के साथ-साथ जिला चुनाव अधिकारियों (DEO) को भी जिम्मेदार ठहराया। चुनाव आयोग ने कहा कि भविष्य में सुनवाई प्रक्रिया को जबरदस्ती रोकने की किसी भी घटना के लिए चुनाव अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होंगे। साथ ही आयोग ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने के लिए भी कहा।

साथ ही आयोग ने DEO को निर्देश दिया है कि भविष्य में अगर सुनवाई को रोकने की घटना होती है (जैसा तृणमूल विधायक ने किया), तो चुनाव अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई वाली जगह पर पहुंचना होगा।

विधायक ने रोकी थी सुनवाई

चुनाव आयोग का आदेश सोमवार को घटित हुई एक घटना के बाद आया, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के विधायक असित मजूमदार ने हुगली जिले के एक सेंटर पर जबरदस्ती सुनवाई प्रक्रिया रोक दी थी। मजूमदार ने सुनवाई को तृणमूल कांग्रेस के BLA को सुनवाई सेशन में मौजूद रहने की मांग पर रोक दी थी।

सुनवाई को रोकने के बाद मजूमदार ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद उन्होंने ऐसा किया था।

बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने रविवार को वर्चुअल मीटिंग के जरिए पार्टी के BLA को सुनवाई सेशन में उपस्थित रहने के निर्देश दिए थे।