
Suicide
हावड़ा. शैक्षणिक योग्यता के मुताबिक नौकरी नहीं मिलने से मायूस होकर पश्चिम बंगाल में एक और पढ़े लिखे नौजवान ने आत्महत्या कर ली है। राज्य सरकार के लाखों रोजगार सृजन के दावे को झूठा साबित करने वाली यह घटना इस बार हावड़ा जिले के बाली इलाके में घटी है। मौत को गले लगाने वाले नौजवान का नाम भवानी शंकर पाल है। भवानी ने दो साल पहले बेलूड़ शिल्प मंदिर कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी।
इलेक्ट्रिक्ल इंजीनियरिंग की डिग्री होने के बाद उसे नौकरी नहीं मिली। पिछले साल वह झारखंड के जमशेदपुर में एक निजी कंपनी में नौकरी करने गया। वहां उसे इंजीनियर के काम की जगह साफ-सफाई का काम करवाया जाता था। छह महीने पहले वह नौकरी छोड़ कर घर चला आया था। पिछले छह महीने से वह नौकरी के लिए इधर-उधर भटक रहा था, लेकिन कहीं नौकरी नहीं मिली थी। पिछले कुछ दिनों से वह बेहद उदास था। शुक्रवार रात घर से खाना खाकर वह बाहर निकला और तेज रफ्तार से सडक़ पर दौड़ रहे ट्रक के सामने छलांग लगा दी। घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। इस घटना से नीमतल्ला इलाके में मातम पसर गया है।
अंग्रेजी से एमए छात्र को मिला कमरा साफ करने का काम, जान दी
इसी तरह की एक घटना तीन दिन पहले दक्षिण २४ परगना के सोनारपुर में घटी थी। स्नातकोत्तर एवं बी.एड. डिग्री धारी युवक अतनु मिस्त्री ने योग्यता के अनुसार नौकरी नहीं मिलने से मायूस होकर घर में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। अंग्रेजी से एमए अतनु को निजी कंपनी में कमरा साफ करने की नौकरी मिली थी।
इसको लेकर वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा था। उसने निजी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया था। मंगलवार को उसे साक्षात्कार के लिए बुलाया था। वहां उसे साफ-सफाई का काम देने को कहा गया। इसके बाद वह अवसादग्रस्त हो गया। मायूस मन के साथ घर लौटा और मां को बताया कि अब उसे नौकरी नहीं मिलेगी और रात में फंदे से लटक गया था।
Published on:
12 Aug 2017 04:50 am
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