
Kondagaon Crime News: नगर पालिका के प्लेसमेंट कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पाने के चलते वे आर्थिक तंगी से इन दिनों जुझ रहे है। स्थिति यह निर्मित हो गई है कि, ये प्लेसमेंट से रखे गए कर्मचारी अब अपनी समस्याओं के चलते आत्महत्या तक करने मजबूर हो रहे है। ऐसा ही एक मामला बुधवार को सामने आया है। जहॉ प्लेसमेंट कर्मचारी सुकलू नेताम पिता बंगाराम 54 निवासी चिचडोंगरी ने अपनी आर्थिक तंगी से परेशान होकर दवाईयों का ओवरडोज खाकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने की कोशिश की है। हालांकि समय रहते उसे जिला हॉस्पिटल पहुंचा दिया गया, जिससे उसकी जान तो बच गई, लेकिन उसके सामने अब भी समस्या केवल आर्थिक तंगी की है।
उसने बताया कि, उसे लगातार दो माह से वेतन नहीं मिल पाने के चलते घर पर परिवारिक परेशानी बढ़ गई है। जिसे लेकर परिवार में आपसी विवाद शुरू हो गए है, इससे वह खासा परेशान हो गया है। और इसी वजह से वह दवाईयों का ओवरडोज लेकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। वर्तमान में पदस्थ सीएमओं ने मार्च-अप्रैल के भुगतान को लेकर आपत्ति लगाते हुए उच्चधिकारियों से अनुमति तो मांगी है। लेकिन अब तक निर्णय नहीं हो पाने के चलते वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
आपको बता दे कि, नगर पालिका में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारियों को वेतन इसलिए नहीं दिया जा रहा है, क्योकि इस बार प्लेसमेंट के लिए टेंडर की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है। वहीं नगर की व्यवस्था बनाए रखने इन कर्मचारियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका की पीआईसी ने जबतक प्लेसमेंट टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती तबतक इन कर्मचारियों को निकाय के मद से वेतन भुगतान करने का निर्णय पारित और इसी अधार पर इन कर्मचारियों को पिछले चार माह वेतन तो जारी कर दिया गया।
लेकिन वर्तमान में पदस्थ सीएमओं ने मार्च-अप्रैल के भुगतान को लेकर आपत्ति लगाते हुए उच्चधिकारियों से अनुमति तो मांगी है। लेकिन अबतक इस संबंध में कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाने के चलते कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। फिलहाल इन कर्मचारियों को इसी सप्ताहभर के भीतर भुगतान का अश्वासन दिया गया है, और इसी आशा के साथ वे काम पर जुटे हुए है।
जानकारी के मुताबिक रोजाना की तरह ही सुकलू नगर पालिका अपने काम पर बुधवार को भी आया था। और काम के बाद वह घर जा रहा था, लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसने परिवार पालने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, पांच बच्चों के पिता होने के साथ ही परिवार पालन की जिम्मेदारी उसी पर है। जिसके चलते वह डिप्रेशन में चला गया और दवाईयों का ओवरडोल लेकर मौत को गले लगाना ही उसने बेहतर समझा था। दवाईयों के ओवरडोज के चलते उसकी तबीयत घर पहुचंने के बाद ज्यादा ही खराब होने लगी तो परिजनों ने उसे संजीवनी 108 के सहायता से हास्पिटल पहुचाया जहॉ उसका उपचार जारी है।
Updated on:
04 May 2024 07:28 am
Published on:
03 May 2024 02:42 pm
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