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Breaking : महिलाओं को प्रतिमाह मिलेगा 5000 मानदेय, 10 दिन बाद हड़ताल समाप्त

शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने वाली महिलाओं की मांगे मानी गई

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कोरबा

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Shiv Singh

May 05, 2018

शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने वाली महिलाओं की मांगे मानी गई

शहर में डोर टू डोर कचरा उठाने वाली महिलाओं की मांगे मानी गई

कोरबा . डोर टू डोर कचरा उठाने वाली महिलाओं को अब 5000 रूपए मानदेय मिलेगा। तीसरी बार चर्चा के बाद आयुक्त और महापौर ने इसकी घोषणा की। जिससे 10 दिन से साकेत में चल रहा हड़ताल शनिवार को खत्म हो गयी। बढ़े हुए मानेदय के साथ महिलाओं को हर दो माह में मेडिकल चेकअप की सुविधा सहित अन्य संसाधन भी मिलेंगे।


25 अप्रैल से शहर में डोर-टू-डोर कचरा उठाने वाली लगभग 400 महिलाएं कई मांगों को लेकर कामबंद कर हड़ताल पर चली गयी थीं। साकेत में एक सप्ताह से धरना दिया जा रहा था। महिलाओंं की मांग पर गुरुवार को आयुक्त रणबीर शर्मा ने चर्चा की थी। लगभग सभी मांगों पर समस्याओं पर चर्चा हो गई थी।

लेकिन वेतन को लेकर महिलाएं अड़ी हुई थी। निगम 600 रूपए बढ़ाकर महिलाओं को 2800 रूपए मानदेय की बात कही थी। बाकी यूजर चार्ज और कबाड़ बेचकर महिलाओं को अतिरिक्त आय अर्जित करनी थी, लेकिन महिलाओं का कहना था कि 60 फीसदी वार्डों से यूजर शुल्क नहीं मिलता ऐसे में उनके सामने वसूली के लिए परेशानी होती थी। यूजर चार्ज नहीं मिलेगा तो उनका वेतन 2800 रूपए पर ही सीमित हो जाएगा। इसे लेकर शुक्रवार और शनिवार को भी महिलाओं ने हड़ताल जारी रखी। शनिवार को निगम के प्रवेश द्वार के समीप धरने पर बैठी महिलाओं के साथ आयुक्त रणबीर शर्मा चर्चा के लिए पहुंचे।

लेकिन महिलाएं अपनी मांग पर अड़ी रही। इसके बाद दोपहर को आयुक्त फिर मौके पर पहुंचे और महिलाओं को प्रतिमाह पांच हजार रूपए वेतन देने की घोषणा की। साथ ही महिलाओं को कहा गया है कि वसूली अधिक से अधिक किया जाए। अपने वार्ड में कचरा कलेक्शन सही ढंग से करना होगा।

इसके बाद महापौर रेणु अग्रवाल सहित अन्य पार्षद भी मौके पर पहुंचे और पांच हजार देने की घोषणा की। साथ ही महापौर ने आश्वस्त किया कि किसी भी तरह से बहकावे में ना आएं। बेहतर ढंग से काम किया जाए। वहीं कहीं कोई परेशानी आती है तो उसकी जानकारी दें।


रोटेशन के आधार पर मिलेगी छुट्टी, सप्ताह भर कलेक्शन
महिलाओं द्वारा साप्ताहिक अवकाश की मांग की जा रही थी। इस पर महिलाओं द्वारा रविवार को सभी जगह काम बंद करने को कहा जा रहा था। लेकिन अगर एक दिन काम बंद किया जाता तो कचरा कलेक्शन का काम प्रभावित होता। ऐसे में निगम द्वारा निर्णय लिया गया कि हर एसएलआरएम सेंटर में काम करने वाली महिलाओं को रोटेशन के आधार पर साप्ताहिक छुटट्ी दी जाएगी। यह व्यवस्था सोमवार से लागू की जाएगी।


प्रदेश भर में सबसे अधिक कोरबा की महिलाओं को मानदेय
प्रदेश भर में मिशन क्लीन सिटी के तहत डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम चल रहा है। सभी जगह समान मानदेय दिया जा रहा है। हालांकि उन जगहों पर युजर चार्ज और कबाड़ से भी महिलाओं को लाभ हो रहा है। शनिवार को कोरबा निगम में हुई 5000 रुपए की घोषणा के बाद अब यह मानदेय सबसे अधिक मानी जा रही है। कहीं न कहीं अब अन्य शहरों मेंं भी इस दर पर मानदेय की मांग महिलाओं द्वारा की जाएगी।