
45 मिनट तक सड़क पर आवागमन रहा बंद
कोरबा . 12 हाथियों का झुंड सोमवार की सुबह अजगरबहार-सतरेंगा मार्ग पर जमा रहा । हाथियों के मुख्य मार्ग पर अचानक आने से 45 मिनट तक आवागमन बंद रहा। जं गल से निकल कर सड़क पर इसस तरह हाथियों के आ जाने से आसपास के गांव के लोगों में दहशत है।
गौरतलब है कि हाथियों का झुंड पिछले 10 दिनों से परसाखोला ग्राम में आधा दर्जन किसानों की फसल को रांैद चुका है। हाथियों के इस तरह उत्पात मचाए जाने से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। इसी बीच चार दिन पहले यह झुंड सोनगुढ़ा रेंज पहुंचा।
जहां सोनगुढ़ा में सात किसानों की फसल हाथियों ने बर्बाद कर सराईपाली की ओर बढ़ते हुए उत्पात मचाते रहे थे। बालको रेंज में ही हाथियों के दूसरे झुंड ने अजगरबहार सर्किल के बीजा पहाड़ में कई किसानों की फसल को भी रौंदा थी। यही नौ हाथियों का झुंड रविवार की रात को जंगल से निकल कर सड़क के आसपास घूम रहा था। सुबह जब लोग सतरेंगा मार्ग पर पहुंचे तो हाथियों का झुंड इस जगह पर था। आसपास के लोग दहशत मेें आ गए।
ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है, यहां से हाथी सतरेंगा से लगे जंगल की ओर बढ़ गए। सोमवार की शाम तक हाथियों का झुंड गढ़कटरा के आसपास था। इस झुंड मेें तीन बेबी ऐलीफेंट, सात मादा हाथी व दो नर हाथी है।
तेंदूपत्ता तोडऩे का काम ग्रामीणों ने किया बंद
इधर हाथियों के इस क्षेत्र में आने से कई गांव के ग्रामीणों ने तेंदूपत्ता तोडऩे का काम बंद कर दिया है। दहशत की वजह से लोग सिर्फ सड़क किनारे लगे पत्तों को ही तोड़ रहे हैं। जिन गांव के लोगों ने तेंदूपत्ता तोडऩे का काम बंद कर दिया है उसमें सोनगुढ़ा, परसाखोला, अजगरबहार, बीजापहाड़, आमाखोखरा, सतरेंगा के कई बस्तियां शामिल है।
गर्मी में पानी की तलाश में हाथियों का झुंड भटक रहा
हर बार गर्मी के दिनों में हाथियों का झुंड पानी की तलाश में इस क्षेत्र में पहुंचते हैं। हाथियों ने कुछ दिन तक अपना ठिकाना परसाखोला को बनाया था। जहां नाले के पानी से हाथी अपना प्यास बुझाते थे। जिसके बाद सोनगुढ़ा के निकट नाले के आसपास ही झुंड था। हालांकि पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से हाथियों का झुंड बहुत अधिक दिन तक एक ही जगह पर नहीं ठहरता है।
Published on:
21 May 2018 07:34 pm
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