अच्छी बात यह है कि इसकी डॉटा की एक कॉपी रायपुर स्थित मुख्यालय में है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस कॉपी के साथ ही अन्य तकनीकी दिक्कतों के समाधान के किए कंपनी के कर्मचारी रायपुर गए हुए हैं। जिसके बाद ही कार्य पुन: शुरू होगा। आरएसबीवाई (राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना) और एमएसबीवाई (मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना) के तहत साल भर में एक परिवार को ५० हजार तक का इलाज शासन द्वारा अनुबंधित किसी भी निजी अस्पताल में मिलता है। इसके लिए सरकार हर मरीज के एवज में एक निश्चित प्रीमियम की रकम बीमा कंपनी को देती है।
मस्ती में झूम रहे गजराजों को खदेडऩे वन अमला के साथ पहुंचे ग्रामीण, फिर हुआ कुछ ऐसा.. इलाज में जितना खर्च होता है, इसका क्लेम निजी अस्पतालों द्वारा बीमा कंपनी को किया जाता है। जिसके बाधार पर छानबीन कर बीमा कंपनी अस्पतालों को भुगतान करती है। बीमा कंपनी और निजी अस्पतालों के बीच सांठगांठ व गड़बड़ी को रोकने के साथ ही मरीजों को पारदर्शी व बेहतर सुविधा देने के लिए एक टीपीए (थर्ड पार्टी अथॉरिटी) कार्य करती है। जिसे सरकार द्वारा ठेका दिया जाता है। इसी टीपीए द्वारा नए स्मार्ट बनाने के सारे कार्य किए जाते हैं। मौजूदा सर्कल के लिए मेडीअसिस्ट नामक कंपनी टीपीए के तौर पर कार्य कर रही है। जिसके द्वारा वर्तमान में कार्य बंद कर दिया गया है।
वर्तमान में केवल उन्हीं परिवारों के स्मार्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं। जिन्होंने १५ नवंबर २०१७ तक कि स्थिति में आवेदन किया है। जिले में इस समय तक आवेदन करने वाले पात्र परिवारों की संख्या ३४ हजार ५०० है। पूर्व में इसमें से २० हजार परिवारों के स्मार्ट बन चुके हैं जबकि १४ हजार परिवार अब भी स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ से वंचित हैं। ऐसे छूटे हुए परिवारों के लिए ही जिला अस्पताल के कमरा नंबर ३१ और पोड़ी सीएचसी में कार्य जारी था। लेकिन अब पूरी तरह से बंद है।
तीन स्थानों पर लगेंगे स्थाई कैंप
वर्तमान में तकनीकी खराबी के कारण कार्य बंद जरूर है। लेकिन टीपीए के अफसरों ने बताया है कि जल्द ही इस परेशानी को दूर कर लिया जाएगा। जिसके बाद जिला अस्पताल के साथ ही पोड़ी व पाली में भी स्थाई कैंप लगाए जाएंगे। ताकि ३४ हजार ५०० परिवारों के टारगेट को प्राप्त किया जा सके।
फैक्ट फाइल
जनगण्ना-2011 अनुसार जिले में पात्र परिवार- 2,82,000
जिले में स्मार्ट कार्ड धारक परिवार- 2,84,000
15 नवंबर 2017 तक मिले नए आवेदन- 34,500
अब तक नए बने स्मार्ट कार्ड- 20,000
वर्तमान स्मार्ट कार्ड बनाने के लिए शेष- 14,500