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यात्रीगण कृपया ध्यान दें, सेकेंड एंट्री की तरफ से जा रहें हैं रेलवे स्टेशन तो हो जाएं सावधान, वरना छूट सकती है ट्रेन

- सेकंड एंट्री के लिए रेलवे द्वारा बनाई बाउंड्रीवाल के अंदर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिनमें बारिश के पानी से कीचड़ जमा हो चुका है।

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कोरबा

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Shiv Singh

Aug 28, 2018

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, सेकेंड एंट्री की तरफ से जा रहें हैं रेलवे स्टेशन तो हो जाएं सावधान, वरना छूट सकती है ट्रेन

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, सेकेंड एंट्री की तरफ से जा रहें हैं रेलवे स्टेशन तो हो जाएं सावधान, वरना छूट सकती है ट्रेन

कोरबा. रेलवे स्टेशन की सेकेंड एंट्री प्रबंधन की उदासीनता की वजह से यात्रियों को सुविधा के बजाय असुविधा का सबब बन गया है।
ंएक जून 2016 को सेकंड एंट्री को बड़े जोर शोर से शुरू किया गया था, ताकि यात्रियों को स्टेशन पहुंचने के लिए स्टेशन की दोनों ओर से प्रवेश का विकल्प मिल सके। तब योजना थी कि इस सेकेंड एण्ट्री में पार्किंग आदि की सुविधा यात्रियों को दी जाएगी। लेकिन यह योजना आज तक साकार नहीं हो सकी है। उल्टे सेकेंड एण्ट्री को अब बंद कर दिया गया है।

रेल प्रशासन ने न तो पार्किंग की कोई व्यवस्था दी ना ही इस ओर सड़क पर दौडऩे वाले भारी वाहनों को रोकने के लिए कोई कदम उठाया। यहां तक की उस रास्ते से कुछ दिनों तक सिटी बस का भी संचालन किया गया। लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण उसे 6 माह के अंदर ही बंद कर दिया गया। तभी से सेकेंड एंट्री उपेक्षित है। जरूरत पडऩे पर यदि कभी सेकेेंड एंट्री की तरफ से कोरबा रेलवे स्टेशन जाना पड़े तो खतरों से दो-चार होना पड़ता है। सेकंड एंट्री के लिए रेलवे द्वारा बनाई बाउंड्रीवाल के अंदर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिनमें बारिश के पानी से कीचड़ जमा हो चुका है।

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आमतौर पर जिले से ढेरों यात्री सुबह 6:5 व 8:10 बजे कोरबा से रायपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन में बड़ी संख्या में सफर करते हैं। इन ट्रेनों के पकडऩे के लिए बड़ी तादात में लोग सेकंड एंण्ट्री से होकर ही रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं। लेकिन सेकेंण्ड एण्ट्री की स्थिति देख यात्री आक्रोशित हो उठते हैं। सेकेंड एण्ट्री के ठीक बगल में मानिकपुर कोल साइडिंग है। जहां कोयला डंप होने से बारिश का पानी सेकेंड एण्ट्री तक पहुंच जाता है। कोयले का डस्ट यहां जमा होने से यात्रियों की मुश्किल और बढ़ जाती है।

- सेंकेंड एंट्री में आने वाली यात्रियों कि संख्या काफी कम है। यहां कम यात्रियों के आने से ही इसका ठीक तरह से विस्तार नहीं हो पा रहा है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है- केके तिवारी, सीएसएम