
गिरफ्तार (Photo Patrika)
Crime News: एसईसीएल की कुसमुंडा खदान में काम करने वाली ठेका कंपनी नीलकंठ में मजूदरों के कैंप पर शनिवार सुबह 50 से 60 की संख्या में हमलावर घुस गए। उन्होंने कैंप के भीतर घुसकर मजदूरों को पीटा, उन्हें कैंप से बाहर निकाल दिया। मजदूर इधर-उधर भागते रहे। कई मजदूर शहर छोडक़र चले गए। अचानक हुए इस हमले से ठेका कंपनी का प्रबंधन हैरान है। उसने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी है। केस दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
घटना शनिवार सुबह करीब छह बजे की करीब बताई जा रही है। ठेका कंपनी नीलकंठ के बैरक में कुछ मजदूर सोए हुए थे, कुछ ड्यूटी जाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच चेहरा बांधकर 50 से 60 की संख्या में हमलावर पहुंचे। उन्होंने बैरक के गेट के मौजूद सिक्यूरिटी गार्ड को डराया धमकाया। कैंप के भीतर घुसकर गाली-गलौज करने लगे। मजदूरों को दूसरे प्रदेशों से आकर काम करने वाले मजदूरों को भगाने लगे। कई मजदूरों के साथ कैंप के भीतर घुसकर मारपीट भी किया।
हमलावर मजदूरों से बैरक खाली कर यहां से भागने के लिए कह रहे थे। अचानक हुए इस हमले से ठेका मजदूर हताश हो गए और कई मजदूरों ने अपना सामान बांध लिया। बैग में भरकर अपने राज्य के लिए लौट गए। मजदूरों के कैंप से भागने और बस में बैठने से संबंधित वीडियो भी सामने आया है। इस घटना से नीलकंठ का प्रबंधन भी परेशान है। उसने मामले की लिखित जानाकारी कुसमुंडा थाने को दी है।
इधर घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने 30 हमलावरों को पकड़ा है। सभी को कुसमुंडा लाया गया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। बैरक पर हमला करने वाले अधिकांश लोग छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के समर्थक बताए जा रहे हैं।
मजदूरों पर हमले का मुख्य कारण उनका बाहरी होना है। क्रांति सेना के समर्थकों का कहना था कि कंपनी में शत फीसदी स्थानीय युवकों को कार्य पर लगाया जाए। जबकि कंपनी का तर्क है कि पूर्व में स्थानीय प्रशासन के साथ हुई बातचीत में यह तय किया गया था कि 70 फीसदी मजदूर कोयला खदान से प्रभावित गांव से लिए जाएंगे। शेष 30 फीसदी कर्मचारियों की भर्ती ठेका कंपनी अपनी सुविधा के अनुसार कर सकेगी। ठेका कंपनी का कहना है कि उसने कुसमुंडा खदान से प्रभावित क्षेत्रों के 830 युवकों को काम पर लिया है। अन्य पदों पर कंपनी ने अपने अनुसार कर्मियों की भर्ती की है।
मजदूरों पर हुए इस हमले के बाद कुसमुंडा खदान में ठेका कंपनी नीलकंठ ने काम बंद कर दिया है। कंपनी के कैंप में सन्नाटा छाया हुआ है। दूसरे प्रदेशों से आए मजदूर कैंप को छोडक़र जा चुके हैं। इसका असर कंपनी के काम पर पड़ा है। शनिवार सुबह छह बजे से नीलकंठ ने कोयला और मिट्टी खनन के कार्य को रोक दिया है। कंपनी का कहना है कि इस प्रकार की घटना से रोजाना किए जाने वाला कार्य का लक्ष्य पिछड़ रहा है।
छत्तीसगढ़िया क्रांति के समर्थकों ने ठेका कंपनी नीलकंठ के कैंप में घुसकर मजूदरों के साथ मारपीट किया गया है। मामले में 30 लोगों को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। भविष्य में दोबारा ऐसी घटना होने पर और कठोर कार्रवाई की जाएगी। - युवराज तिवारी, थानेदार कुसमुंडा
Published on:
07 Dec 2025 01:42 pm
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