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कोरबा

घुन लगा रेडी टू ईट बांट रहा समूह, डीपीओ ने करायी जांच

नौनिहालों की सेहत से हो रहा खिलवाड़

कोरबाJun 30, 2018 / 12:52 am

Shiv Singh

घुन लगा रेडी टू ईट बांट रहा समूह, डीपीओ ने करायी जांच

घुन लगा रेडी टू ईट बांट रहा समूह, डीपीओ ने करायी जांच

कोरबा. महिला एवं बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। दीपका क्षेत्र के ज्योतिनगर क्रमांक-दो के आंबा केन्द्र में रेडी टू ईट पैकेट के भीतर कीड़ा पाया गया है। डीपीओ ने संबंधितों के विरूद्ध नोटिस जारी करने की बात कही है।
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा रेडी टू ईट में कमिशनखोरी की शिकायतें मिलती रहती है। दीपका सेक्टर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में एक्सपायरी डेट वाली घुन लगा हुआ रेडी टू ईट का पैकेट हितग्राहियों को वितरण किया जा रहा है। शिकायत मिलने पर डीपीओ ने कार्यकर्ता सहायिका व पर्यवेक्षक को नोटिस जारी करने की बात कही है। लापरवाही पाए जाने पर समूह सहित संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
महिला बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों के गर्भ से जन्म तक पोषण आहार की व्यवस्था है। लेकिन विभाग द्वारा योजनाओं के संचालन मेें गंभीर नहीं है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को दिए जा रहे रेडी टू ईट में गुणवत्ता की अनदेखी की जा रही है। ताजा मामला दीपका सेक्टर का है यहां आंगनबाड़ी केन्द्रों में मलगांव के संतोषी स्व सहायता समूह द्वारा जो रेडी टू ईट वितरण किया गया है। वह गुणवत्ताहीन है, 25 मार्च 2018 को तैयार किया गया रेडी टू ईट आंगनबाड़ी केन्द्रों में आपूर्ति की गई है। जिसकी वजह से वर्तमान में रेडी टू ईट के पैकेट में घुन व कीड़े लग गए हैं। पैकेट के बाहर से यह कीड़े नजर आ रहे हैं। जबकि नियमानुसार रेडी टू ईट का उपयोग उत्पादन तिथि से 45 दिन से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन परिवहन लागत बचाने के चक्कर में स्व सहायता समूह ने बच्चों की सेहत को ही खतरे में डाल दिया है। पर्यवेक्षकों द्वारा मानिटरिंग नहीं किए जाने की वजह से जिले के सबसे बड़े सेक्टर में यह हालात बना हुआ है। इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पूर्व भी कई केंद्रों में घटिया रेडी टू ईट बांटने के मामले आ चुके हैं।

सालाना 25 करोड़ का होता है बजट

अकेले रेडी टू ईट के लिए विभाग के पास सालाना 25 करोड़ रूपए से अधिक का बजट होता है। इतने पैसे खर्च होने के बाद भी जमीनी स्तर पर योजना का बेहतर ढंग से क्रियान्वयन नहीं कर बच्चों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों में भी रेडी टू ईट की खराब गुणवत्ता व अधिकारियों के निरीक्षण नहीं करने से नाराजगी है। शिकायत सामने आने के बाद डीपीओ ने पर्यवेक्षक व कार्यकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
-इस संबंध में शिकायत मिली है, सीडीपीओ के माध्यम से सहायिका व पर्यवेक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। समूह को भी पैकेजिंग दुरूस्त करने को कहा गया है। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
आनंद प्रकाश किसपोट्टा, डीपीओ, महिला एवं बाल विकास विभाग

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