
बस्ती बसाते समय प्रबंधन ने ही तालाब की सुविधा दी थी
कोरबा . सर्वमंगला नगर के दो तालाब दोनों पिछले पांच साल से एक बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वार्ड के दशहरा मैदान के सामने और बरेठ मोहल्ले मेें बना तालाब अब कचरा डंप करने के काम आ रहा है। तालाब में पानी कई साल पहले सूख चुका है। एसईसीएल का पुनर्वास ग्राम है। बस्ती बसाते समय प्रबंधन ने ही तालाब की सुविधा दी थी, लेकिन अब तालाबों की बदहाल स्थिति पर सुध नहीं ली जा रही है।
वार्ड क्रमांक 54 सर्वमंगलानगर पूरी तरह से एसईसीएल का पुनर्वास ग्राम है, जिसे प्रबंधन ने पांच मोहल्लों को जोड़कर एक वार्ड बनाया गया है। जिसमें दुल्लापुर, आजादनगर, दुरपा और झराजेल को बनाकर यह वार्ड बनाया गया।
पुर्नवास ग्राम की नींव रखते समय प्रबंधन द्वारा सारी सुविधाएं देने की बात कही गई थी। जिसके मदद्ेनर इस गांव में दो जगह तालाब खुदवाया गया था। एक दशहरा मैदान के सामने और दूसरा बरेठ मोहल्ले में। लेकिन पिछले पांच-छह साल से इस तालाब की सुध नहीं ली गई। देखते ही देखते तालाब सूख गया। हालांकि बीच में गहरीकरण जरूर कराई गई। लेकिन पानी की व्यवस्था के लिए काम नहीं किया गया। यही वजह है कि तालाब की यह स्थिति हो गई है। दोनों तालाब में तीन मोहल्ले के लोग आश्रित है जिससे सैकड़ों परिवार को निस्तारी के लिए परेशान होना पड़ता है।
नदी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है
इस वार्ड के नजदीक में नाला बहता है तो दूसरी तरफ हसदेव नदी बहती है। पक्के नाले में जान का खतरा रहता है। तेज बहाव से कई बार लोग बह चुके हैं। तो दूसरी तरफ हसदेव नदी तक जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। ऐेसे में लोगों के पास निस्तारी के लिए उपयुक्त व्यवस्था नहीं है।
साथ ही वहां राखडय़ुक्त पानी से लोगों को चर्मरोग की शिकायतें भी सामने आती है। इधर नगर निगम के जल आवर्धन योजना पार्ट टू का काम चल रहा है। जिसके मुताबिक पानी दो साल बाद ही भरपूर मिलेगा। तब तक इस तरह की परेशानी बनी रहेगी। यह क्षेत्र खदान प्रभावित से जुड़ा हुआ है। जिसकी वजह से भूजल स्त्रोत हर बार गर्मी बढ़ते ही सूख जाता है। निगम द्वारा लगाए गए हैंडपंप भी पर्याप्त पानी नहीं दे पाते।
Published on:
06 May 2018 11:23 am
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