
कोरबा .वास्तुशात्र का विशेष महत्व है। व्यक्तिगत जीवन में और व्यवसाय में भी। यह कहना है कि हस्तरेखा, जन्म कुंडली एवं वास्तु विशेषज्ञ पंडित मोहन लाल द्विवेदी का। मैहर स्थित जन सूचना केन्द्र यात्री निवास क्रमांक एक के निकट माँ शारदा देवी धाम से जुड़े पंडित द्विवेदी ने कहा कि आवास में अगर वास्तुशास्त्र के अनुसार नहीं बना है तो उसमें सकारात्मक माहौल नहीं बनेगा और निगेटिव ऊर्जा का प्रकोप रहेगा। इससे आवास में रहने वाले लोगों के दु:ख और विवाद बढ़ेंगे। आवास में कोशिश होनी है कि मुख्य द्वार पूर्व व उत्तर की दिशा में होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर वास्तुशास्त्र के हिसाब से आवास नहीं बना है तो उसे विधि-विधानपूर्वक ठीक भी किया जा सकता है। इसी प्रकार व्यवसाय की दृष्टि से भी दुकान, प्रतिष्ठान और उद्योग के लिए भी जरूरी है कि वास्तुशास्त्र का पालन होना चाहिए। पंडित द्विवेदी के अनुसार उद्योगों की स्थापना, संचालन कक्ष और मालिक के कार्यालय की दिशा और स्थान बेहद सोच समझ कर वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाना चाहिए। ऐसा करने से उद्योग न केवल आगे बढ़ेगा बल्कि यहां काम करने वाले श्रमिकों, अधिकारियों व मालिक के लिए बेहद सुखद रहेगा और इससे देश व समाज का भी भला होगा।
अपने कोरबा प्रवास पर आए पंडित द्विवेदी ने कोरबा पत्रिका कार्यालय में वास्तुशास्त्र पर चर्चा करते हुए महत्वपूर्ण बातें कही। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य करने से होता है और इसमें समय व दिशा का विचार करना भी जरूरी है। ऐसा करके व्यक्ति मंजिल को आसानी से पा सकता है। उन्होंने कहा कि हस्तरेखा और ज्योतिष विज्ञान बहुत पुराना है और हमेशा से यह विषय राजाओं से लेकर आम लोगों तक के लिए रुचिकर रहा है। चर्चा के समय पृथ्वी सेवा मिशन के पृथ्वी नाथ वोहरा भी उपस्थित रहे।
Published on:
26 Apr 2018 08:23 pm
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