ट्रक चालकों से सेनोस्फेयर के बारे में पूछताछ की गई। उन्होंने रजगामार स्कूल के पास स्थित एक आहाता से गाड़ी पर सेनोस्फेयर लोड करना बताया। चालकों के पास सेनोस्फेयर के परिवहन से संबंधित दस्तावेज नहीं थे। पुलिस ने इसे जब्त कर लिया है। जब्त किए गए गाड़ी का नंबर सीजी 04 जेडी 7481, सीजी 04 जेडी 4797, सीजी 04 एमसी 2981 और एमएच 40 एन 7311 बताया है। पूछताछ में चालकों ने रजगामार से सेनोस्फेयर लेकर नागपुर जाना स्वीकार किया। जब्त सेनोस्फेयर कोरबा के एक कारोबारी की बताई जा रही है। पुलिस ने मामले की जांच के लिए पर्यावरण संरक्षण मंडल, खनिज विभाग और स्वास्थ्य विभाग को लिखा गया है।
कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, बनाए गए 10 आइसोलेशन सेंटर 1500 से 1750 डिग्री तापमान पर कोयले के जलने से बनता है सेनोस्फेयर
बताया जाता है कि थर्मल पावर प्लांटों में 1500 से 1750 डिग्री तापमान पर कोयले के जलने से बनता है सेनोस्फेयर का निर्माण होता है। पाइप लाइन के रास्ते राख बांध तक पहुंचता है। बांंध में झाग के साथ सेनोस्फेयर उपर उठ जाता है। इसे निकालने के लिए कंपनियां निविदा जारी करती हैं। लेकिन इस धंधे में कोरबा के कुछ लोग शामिल हैं। भाड़े के मजदूरों से सेनोस्फेयर चोरी छिपे बांध से निकालते हैं। इसे बाजार में बेचते हैं। इसका उपयोग चीनी मिट्टी से बनने वाले उत्पाद, सीमेंट, पेंट व अन्य उत्पादों में किया जाता है।