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CG News: प्रसूता की मौत के 10 दिन बाद भी कार्रवाई नहीं, लोगों ने घेरा कलेक्ट्रेट कार्यालय

CG News: पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रबंधन ने कुछ घंटे के इलाज के नाम पर एक लाख रुपए लिया। उन्होंने बताया कि घटना को 10 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई।

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कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव (Photo source- Patrika)

कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव (Photo source- Patrika)

CG News: 10 दिन पहले एक निजी अस्पताल में प्रसूता की मौत का मामला तूल पकड़ने लगा। महिला को न्याय दिलाने की मांग को लेकर पीड़ित परिवार के साथ विभिन्न संगठनों ने मोर्चा खोला और कलेक्ट्रेक्ट कार्यालय का घेराव कर लापरवाही बरतने वाली निजी अस्पताल और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

CG News: प्रसव के दौरान बरती लापरवाही

मंगलवार की सुबह 10 बजे कोसाबाड़ी के पास बड़ी संख्या में पीड़ित परिवार और अलग-अलग संगठन से जुडे़ लोग एकत्र हुए। कोसाबाड़ी चौक से रैली निकाली गई। लोग कलेक्टर कार्यालय के सामने पहुंचे और घेराव किया। मौके पर तहसीलदार पहुंचे। इसके बाद भी लोग नहीं हटे। लगभग एक से डेढ़ घंटे बाद कोरबा एसडीएम मौके पर पहुंचे। लोगाें ने मांग से अवगत कराया। रणजीत सिंह ने बताया कि रिस्दी श्वेता हॉस्पिटल में पत्नी अंजली सिंह के प्रसव के दौरान लापरवाही बरती गई।

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न्यू कोरबा अस्पताल में रेफर

डॉ. मनियारो कुजुर के द्वारा ऑपरेशन कर अंजली का प्रसव कराया गया था। अंजली ने नवजात को जन्म दिया। इसके बाद डॉक्टराें की ओर से अंजली कर सही देखरेख नहीं की गई। परेशानी से अवगत कराने के बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई। अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर मौजूद था और न ही अनुभवी नर्स स्टाफ। स्थिति खराब होने पर प्रबंधन ने कोसाबाड़ी स्थित न्यू कोरबा अस्पताल में रेफर कर दिया।

कार्यालय के सामने प्रदर्शन

CG News: यहां अंजली ने दम मोड़ दिया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रबंधन ने कुछ घंटे के इलाज के नाम पर एक लाख रुपए लिया। उन्होंने बताया कि घटना को 10 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं की गई। आने वाले 10 दिनों के भीतर मामले में कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। प्रदर्शन के दौरान भीम आर्मी, छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना, हिंदू क्रांति सेना सहित अन्य संगठनों ने समर्थन किया। कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया।

जांच टीम पर उठाए सवाल, बाहर के डॉक्टरों को टीम में शामिल करने की मांग

प्रसूता की मौत के मामले में जिला प्रशासन ने चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है। इसमें डॉ. सीके सिंह, डॉ. प्रीतेश मसीह, डॉ. आदित्य सिसोसिदया, डॉ. अतिक सिद्धीकी को शामिल किया गया है, जो स्वास्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा में पदस्थ है। निजी अस्पताल में प्रसव मामले में लापरवाही बरतने वाली डॉ. मनियारो कुजुर भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थ। इससे जांच प्रभावित होने की आशंका है। पीड़ित परिवार और विभिन्न संगठन के लोगों ने दूसरे जिले के डॉक्टराें की टीम गठित कर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।

कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने डेढ़ घंटे तक डटे रहे लोग, डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग

पीड़ित परिवार ने बताया कि डॉ. मनियारो कुजुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा में पदस्थ है। इसके बाद भी निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। इस कारण डॉक्टर को तत्काल निलंबित किया जाए। साथ ही उनके खिलाफ अंजली सिंह के मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि डॉ. कुजुर के निजी अस्पताल में ज्यादातर गर्भवती महिलाओं का इलाज ऑपरेशन के द्वारा किया जाता है, जो संदेह के घेरे में है। साथ ही रिस्दी स्थिति श्वेता हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त करने सहित छह सूत्रीय मांग का ज्ञापन सौंपा गया है।


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