गांव का दायरा बड़ा, इसलिए खर्च करने मेें छूट रहे पसीने
शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों का दायरा अधिक है। दायरा अधिक होने की वजह से खर्च करने में प्रत्याशियों के पसीने छूटने लगे हैं। सबसे अधिक परेशानी पाली तानाखार और कटघोरा विधानसभा में प्रत्याशियों को सामना करना पड़ रहा है। कोरबा में पूरा शहरी इलाका है। सोशल मीडिया प्रचार का दूसरा बड़ा विकल्प प्रत्याशियों को मिला है। जबकि नेटवर्क से दूर ग्रामीण अंचलों में प्रत्याशियों को खुद जाना पड़ रहा है।
कोरबा की स्थिति
१० नवंबर तक की स्थिति में जोगी कांग्रेस के राम सिंह अग्रवाल खर्च करने में सबसे ऊपर हैं। इन्होंने इस तिथि तक दो लाख ३३ हजार १३९ रुपए खर्च कर दिए हैं। जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा प्रत्याशी विकास महतो हैं। इन्होंने अब तक एक लाख ७४ हजार ७५१ रुपए खर्च अपने चुनाव प्रचार में किया है। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के विधायक जय सिंह अग्रवाल हैं जिन्होंने ७८५५३ रुपए खर्च किया है।
हमनाम ने भी खर्च दिए हैं दस हजार
विधानसभा चुनाव मैदान से लगभग गायब एनसीपी के प्रत्याशी विकास कुमार महतो जोकि भाजपा प्रत्याशी विकास महतो का हमनाम भी है, ने दस हजार ९५ रुपए के खर्च का आंकड़ा व्यय प्रेक्षक के सामने पेश किया है। हालांकि ये हिसाब भी प्रत्याशी ने खुद जाकर दिया है या किसी के मार्फत भिजवाया है इसका पता नहीं चल सका था। अभी तक जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार एनसीपी का यह प्रत्याशी नामांकन के बाद अपने घर बिहार चला गया है। इसके पड़ोसियों, इसके गांव के लोगों को भी नहीं पता है कि ये चुनाव लड़ रहा है। ऐसे में पेशे से टाइल्स मिस्त्री व एनसीपी का ये प्रत्याशी फिलहाल लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है।