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सवा दो करोड़ के सीवरेज का काम इतना घटिया कि ढाई साल बाद ही टैंक ओवरफ्लो, लाइन हुई क्षतिग्रस्त

- वार्ड 51 साडा कॉलोनी जमनीपाली का मामला - बारिश होते ही कॉलोनीवासियों की बढ़ी परेशानी

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कोरबा

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Shiv Singh

Jun 04, 2018

सवा दो करोड़ के सीवरेज का काम इतना घटिया कि ढाई साल बाद ही टैंक ओवरफ्लो, लाइन हुई क्षतिग्रस्त

सवा दो करोड़ के सीवरेज का काम इतना घटिया कि ढाई साल बाद ही टैंक ओवरफ्लो, लाइन हुई क्षतिग्रस्त

कोरबा . तस्वीर में दिख रहा यह कोई पुल या फिर आम रास्ता नहीं है, जो कि बारिश के पानी से लबालब हो चुका है। ये साडा कॉलोनी जमनीपाली में निगम के इंजीनियरों द्वारा बनाया गया सेप्टिक टैंक का नमूना है। जिसे बनाने में करेाड़ों रूपए खर्च किए गए। साडा कॉलोनी जमनीपाली के लिए नगर निगम ने दो साल पहले नई सीवरेज लाइन और सेप्टिक टैंक बनवाये। अफसरों ने इतना छोटा टैंक बनवाया कि पूरी कॉलोनी तो दूर की बात महज १५ से २० मकानों का ही गंदा पानी इसमें भर पाता है। हालत इतनी बदतर है कि गंदा पानी टैंक से बाहर निकलकर सड़क और मैदान में फैल चुका है।

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नगर निगम को पांच साल पहले १३ वित्त मद से दो करोड़ 16 लाख रूपए की स्वीकृति मिली थी। इस मद से नगर निगम ने साडा कॉलोनी जमनीपाली की सीवरेज लाइन को सुधारने के लिए काम का प्रस्ताव पास कराया। यह काम शुरू से विवादित और विलंब से हुआ। आठ माह में होने वाला काम ढाई साल बाद पूरा किया गया।

काम के दौरान ही कॉलोनी के लोगों ने इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाये थे, लेकिन निगम अमले ने सिर्फ काम पूरा करा दिया पर योजना की उपयोगिता को भूल गए। वर्तमान में स्थिति यह है कि सीवरेज लाइन के नए सिरे से बिछने के बाद भी लोगों को इसका कोई फायदा नहीं मिला। बल्कि और भी स्थिति खराब हो गई। दरअसल निगम द्वारा जो लाइन बिछाई गई उसकी आपस में कनेक्टिविटी इतनी दोयम दर्जे की थी कि वह बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है।

जमीन के पांच फीट अंदर डालने के बजाय इसे दो फीट भीतर डाला गया। भारी वाहन के गुजरने से यह कई बार लाइन टूट चुकी है। इसके अलावा मकानों से लेकर मुख्य सेप्टिक टैंक के बीच में जगह-जगह छोटे-छोटे टैंक बनाए गए, लेकिन वह भी ऐसी जगह पर बनाया जहां पानी ठहरने की बजाय बहता रहता है। सबसे हैरत करने वाला काम तो मुख्य सेप्टिक टैंक है। कॉलोनी में कम से कम सौ से अधिक मकान व दुकानें हंै और इसके हिसाब से टैंक को छोटा बनाया गया। इसका परिणाम यह है कि अब टैंक से गंदा पानी ओवरफ्लो होते हुए सड़क व आसपास की खाली जगह में जमा है।