
CG Coal News: कोयला लोड बेकाबू ट्रेलर एनएच पर पलटा, बाल-बाल बचा चालक(photo- unsplash image)
CG Coal Mining: छत्तीसगढ़ के कोरबा एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन ने रविवार को एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की सरायपाली कोयला खदान का निरीक्षण किया। उन्होंने खदान में उत्पादक कार्यों की समीक्षा करते हुए आने वाले दिनों में तय लक्ष्य के अनुसार कोयला उत्पादन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। एसईसीएल के उच्च प्रबंधन के अधिकारी लगातार कोरबा, कुसमुंडा,दीपका और गेवरा क्षेत्र का दौरा कर कोयला उत्पादन बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं।
इसी कड़ी में एसईसीएल के सीएमडी हरीश दुहन ने सरायपाली कोयला खदान का प्रबंधन के स्थानीय अधिकारियों के साथ दौरा किया। सीएमडी ने खदान में कोयला उत्पादन के लिए जारी गतिविधियों का अवलोकन किया और उत्पादकता और परिचालन दक्षता की समीक्षा की। सीएमडी ने कोयला खदान में उत्खनन साइट का निरीक्षण किया और लक्ष्य के अनुसार कोयला उत्पादन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। एसईसीएल के कोरबा क्षेत्र में मानिकपुर ओपन कास्ट कोल माइंस के बाद सरायपाली कोयला खदान दूसरी बड़ी ओपनकास्ट कोल माइन्स है।
सरायपाली कोयला खदान की उत्पादन क्षमता 2.1 मिलियन टन है। फिलहाल खदान में डेली कोल प्रोडक्शन लगभग साढ़े चार हजार टन हो रहा है। एसईसीएल कोरबा एरिया को 8.87 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य मिला है। इस क्षेत्र में खदानों से वर्तमान लक्ष्य के मुकाबले 3.4 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हुआ है। अन्य खदानों की अपेक्षा एसईसीएल कुसमुंडा में स्थिति ज्यादा खराब है।
कुसमुंडा खदान की वार्षिक उत्पादन क्षमता 50 मिलियन टन है। यहां वर्तमान उत्पादन लक्ष्य के मुकाबले खदान में 10.93 मिलियन टन कोयला उत्पादन हुआ है, जबकि खदान में अब तक 22 मिलियन टन से ज्यादा कोयला उत्पादन की उम्मीद थी। एसईसीएल के दीपका खदान के लिए कोयला उत्पादन का वार्षिक लक्ष्य 40 मिलियन टन है।
दीपका खदान से अब तक 16.75 मिलियन टन कोयला उत्पादन हो सका है। वही गेवरा खदान के लिए वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 63 मिलियन टन है। इस खदान से अब तक 17.81 मिलियन टन कोयला उत्पादन की उम्मीद थी, हालांकि इसकी अपेक्षा खदान में लगभग एक मिलियन टन कम हुआ।
इधर चालू वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के बाद कोयला उत्पादन में तेजी लाने की कोशिश एसईसीएल प्रबंधन की ओर से किए जा रहे हैं। मानसून की वजह से जिले में स्थित एसईसीएल की लगभग सभी खदानों में कोयला उत्पादन पर व्यापक असर पड़ा था। इसकी वजह से कोयला खदानों में उत्पादन लक्ष्य से पीछे चल रहा है। कुछ दिनों पहले भी 4-5 दिनों तक रुक रुक कर हुई बारिश की वजह से भी कोयला खदानों में उत्पादन कार्य पर असर पड़ा था।
Updated on:
13 Oct 2025 04:04 pm
Published on:
13 Oct 2025 04:03 pm
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