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देउठनी एकादशी आज, तुलसी विवाह तो होगा, पर नहीं बजेंगी शहनाई, ये है वजह…

Ekadashi: देवउठनी एकादशी पर्व पर तुलसी और शालीग्राम का विवाह तो होगा, पर विवाह योग्य युवक-युवतियों के हाथ पीले नहीं हो पाएंगे। 18 नवंबर से मांगलिक मुहूर्त शुरू होंगे।

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देउठनी एकादशी आज, तुलसी विवाह तो होगा, पर नहीं बजेंगी शहनाई, ये है वजह...

देउठनी एकादशी आज, तुलसी विवाह तो होगा, पर नहीं बजेंगी शहनाई, ये है वजह...

कोरबा. शुक्रवार को देवउठनी एकादशी है, लेकिन वर्षों बाद इस बार राशियों के हेरफेर के चलते देवउठनी एकादशी पर विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त नहीं है। इसका कारण वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। एकादशी पर तुलसी विवाह तो होगा, पर विवाह योग्य युवक-युवतियों के हाथ पीले नहीं हो पाएंगे। देव उठनी एकादशी के बाद पहला विवाह मुहूर्त १8 नवंबर को है।

चार महीने से क्षीर सागर में सोए भगवान श्रीहरि विष्णु 8 नवंबर शुक्रवार को देवोत्थान एकादशी पर योगनिद्रा से जागेंगे। सालीग्राम के साथ माता तुलसी का विवाह होगा। देव दीपावली के मौके पर एक बार फिर दीपक की रोशनी से घर आंगन जगमग होंगे। इधर, मंदिरों में इस दिन भगवान को विशेष शृंगार किया जाएगा।

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ज्योतिषाचार्य पंडित राजेन्द्र धर दीवान के अनुसार देव उठनी एकादशी के पहले विवाह का कारक ग्रह बृहस्पति राशि बदलकर 12 साल बाद अपनी ही राशि धनु में आ रहा है। बृहस्पति का धनु राशि में गोचर शुभ माना गया है। देवउठनी एकादशी के 9 दिन बाद ही सूर्य भी राशि बदलेगा। विवाह के मुहूर्त में वर के लिए सूर्य और कन्या के लिए बृहस्पति की स्थिति देखी जाती है। इसलिए इन दोनों ग्रहों के राशि परिवर्तन से इस बार विवाह के कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। लेकिन, वर्तमान में सूर्य तुला राशि में है। तुला राशि में सूर्य के होने से विवाह नहीं होते। ऐसे में इस बार देवउठनी एकादशी पर अबूझ मुहूर्त नहीं है।

नवंबर- दिसंबर में 14 दिन विवाह मुहूर्त
एकादशी 8 नवंबर को है। इसके बाद 17 नवंबर को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही 18 नवंबर से विवाह शुरू हो जाएंगे। जो 15 दिसंबर तक रहेंगे। इन दिनों में केवल 14 दिन ही विवाह के मुहूर्त रहेंगे। 13 दिसंबर से 13 जनवरी तक मलमास होने के कारण इन दिनों में विवाह नहीं होंगे।

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