
Korba News: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हसदेव ताप विद्युत गृह(एचटीपीएस) के स्वीच यार्ड में स्थित आईसीटी (इंटरचेंज ओवर ट्रांसफार्मर) में लगी आग से बिजली उत्पादन कंपनी को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। घटना के तीसरे दिन भी संयंत्र की 500 मेगावाट की एक इकाई से उत्पादन ठप है। इससे बिजली उत्पादन तो प्रभावित हो ही रहा है। प्रदेश सरकार को अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए सेंट्रल पूल से बहुत ज्यादा बिजली लेनी पड़ रही है।
कोरबा जिले में हसदेव ताप विद्युत गृह में यहां 210-210 मेगावाट की चार इकाइयां स्थापित है। यहां से 840 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है। इसके अलावा इसी संयंत्र परिसर में 500 मेगावाट की पांचवीं इकाई है। रंगोंत्सव के दिन जब अफसर और कर्मचारी होली मना रहे थे उसी दिन दोपहर लगभग दो से ढाई बजे के बीच संयंत्र परिसर के स्वीच यार्ड में स्थित 400 केवी के ट्रांसफार्मर में आग लग गई।
देखते ही देखते आग की लपटों ने बाजू में स्थित 400 केवी के दूसरे ट्रांसफार्मर को भी अपनी चपेट में ले लिया और दोनों ही ट्रांसफार्मर से आग की लपटें उठने लगी। आसपास के क्षेत्रों में काला धुआं फैल गया। आग की लपटें इतनी तेज थी कि घटना के दिन इस पर काबू नहीं पाया जा सका। रात भर ट्रांसफार्मर की आग नहीं बुझी।
छत्तीसगढ़ सरकार को अपनी औद्योगिक और घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्तमान में 6000 मेगावाट से अधिक बिजली की जरूरत पड़ रही है जबकि बिजली कंपनी अपनी सभी इकाइयों से 2000 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर पा रही है। शेष की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार सेंट्रल पूल से 3800 से 3900 मेगावाट बिजली ले रही है। अचानक सेट्रल पूल पर निर्भरता बढ़ने से प्रदेश सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ रहा है।
Published on:
17 Mar 2025 12:15 pm
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