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न्यायाधीश ने ग्रामीणों से कहा किसी भी महिला व पुरुष को टोनहीं कहने से बचें, नहीं तो होगी ये कार्रवाई…

-हर मां-बाप की जवाबदारी है कि बच्चे के बचपन के हर गलत काम को श्रेय न दे, बल्कि उन्हें दण्ड दें जिससे उसे सही एवं गलत की समझ रहेगी

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कोरबा

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Shiv Singh

Jul 16, 2018

न्यायाधीश ने ग्रामीणों से कहा किसी भी महिला व पुरुष को टोनहीं कहने से बचें, नहीं तो होगी ये कार्रवाई...

न्यायाधीश ने ग्रामीणों से कहा किसी भी महिला व पुरुष को टोनहीं कहने से बचें, नहीं तो होगी ये कार्रवाई...

कोरबा . जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के योजनाएं आदिवासियों के अधिकारों का संरक्षण और प्रवर्तन के लिये विधिक सेवाएं योजना, महिलाओं के अधिकार एवं संरक्षण, नशा उन्मूलन संबंधी विधिक जागरूकता शिविर एवं अन्य जनोपयोगी कानूनी की जानकारी दिये जाने के उद्देश्य से रविवार को ग्राम सोनपुरी, ग्राम कोथारी एवं सामुदायिक भवन पुरानी बस्ती कोरबा में विधिक जागरुकता शिविर आयोजित किए गए।

ग्राम सोनपुरी के विधिक साक्षरता शिविर में जिला न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश बिहारी घोरे ने कहा कि कोई भी बालक जन्म से अपराधी नहीं होता है, उसके द्वारा बालपन में किये गये छोटे मोटे अपराध को बढ़ावा देने से आगे चलकर वह अपराधी बन जाता है। जैसे कि कोई बच्चा स्कूल में जाकर किसी भी बच्चे के सामान को अपने साथ घर ले आता है और उनके मां-बाप बच्चे को कुछ नहीं कहते यही आगे जाकर बच्चा बड़ा होकर डकैती भी करना चालू कर देता है और डकैती के चक्कर में कोई विरोध करते है उसे मौत के घाट उतार दिया जाता है और वह अपराधी बन जाता है।

हर मां-बाप की जवाबदारी है कि बच्चे के बचपन के हर गलत काम को श्रेय न दे। बल्कि उन्हें दण्ड दें जिससे उसे सही एवं गलत की समझ रहेगी। इसके अलावा नशा उन्मूलन, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बीमा लायसेंस से गाड़ी न चलाने की समझाईश देते हुये इनके दूरगामी परिणाम के संबंध में अवगत कराया गया।

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योगेश पारीख विशेष न्यायाधीश (एस.टी/एस.सी.) एक्ट कोरबा के द्वारा तहसील स्तर से लेकर उच्चतम न्यायालय तक नि:शुल्क विधिक सहायता दिये जाने के संबंध में जानकारी प्रदान की गई। उनके द्वारा जनोपयोगी सेवा में आने वाले विद्युत,चिकित्सा एवं अन्य जानकारी के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुये कहा गया कि उन्हें किसी भी प्रकार की विधिक जानकारी लेनी हो वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा में जाकर नि:शुल्क विधिक जानकारी ले सकते है। इसके लिये उन्हें किसी भी प्रकार की फीस देने की आवश्यकता नहीं होती।

ग्राम कोथारी में प्रवीण प्रधान प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा ने ग्राम कोथारी में कानूनी जानकारी देते हुये बताया गया कि जमीन खरीदी बिक्री होने पर तत्काल रजिस्ट्री करानी चाहिये। टोनही प्रताडऩा पर ग्रामीणों को समझाते हुये कहा गया कि टोनही प्रताडऩा को लेकर छत्तीसगढ़ में सख्त कानून बनाये गये है। इसलिये किसी भी महिला एवं पुरूष को टोनहीं कहने से बचे। महिलाओं के साथ छेड़छाड़ जैसी घटनाओं के लिये महिलाओं काी शीलता का ध्यान रखते हुये एकांत में भी बयान कराया जाता है इसलिये महिलाओं एवं बच्चियों को कोर्ट के समक्ष सच्चाई कहने से डरने की आवश्यकता नहीं है। शीलू केशरी व्यवहार न्यायाधीश वर्ग दो के द्वारा एफ.आई. आर. की विस्तृत जानकारी दी गई।

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सामुदायिक भवन पुरानी बस्ती कोरबा में विधिक जागरुकता शिविर में दीप्ती लकड़ा, व्यवहार न्यायाधीश कोरबा के द्वारा महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार संबंधी जानकारी प्रदान की गई। दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत झूठे मामले के प्रकरण दर्ज कराता है तो संबंधित के विरूद्ध भी कार्यवाही किये जाने का प्रावधान है। सभी शिविरों को आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा पीएलवी के द्वारा किया गया।