शुक्रवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में लोकसभा की छह सीटों पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की। इसमें कोरबा से ज्योत्सना महंत को मौका दिया गया है। पाली के एक कार्यक्रम में मीडिया से चर्चा करते हुए ज्योत्सना महंत ने कहा कि वे विकास के मुद्दे पर चुनाव लडे़ेंगे। पांच साल तक सत्ता में रहकर कांग्रेस सरकार ने जो कार्य किया है और उन्होंने बतौर सांसद इस क्षेत्र के लिए जो जिम्मेदारियों निभाई है। उसी के आधार पर जनता से वोट मांगेंगी। उन्होंने लोकसभा की कोरबा सीट पर इस बार आने वाली प्रमुख चुनौती संबंधित (Election data of Korba Lok Sabha seat) एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं किसी को चुनौती नहीं मानती। लोकसभा में कोई पार्टी किसी को अपना उम्मीदवार बनाती है तो पक्ष और विपक्ष ही चुनाव लड़ता है। इसमें चुनौती जैसी बात नहीं होती। उन्होंने कहा कि मैं एक आम महिला हूूं और आम आदमी की तरह ही चुनाव मैदान में उतरुंगी। पिछले कई सालाें में कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश और देश का विकास किया है। इसी को आधार बनाकर ज्योत्सना ने चुनाव में जनता के बीच जाने की बात कही।
पिछली बार 46 फीसदी वोट प्राप्त हुए थे महंत को Korba Lok Sabha seat 2024: लोकसभा के चुनाव में पहली बार ज्योत्सना महंत 2019 में कोरबा सीट पर विजयी हुईं थी। उन्होंने भाजपा के प्रतिद्वंदी ज्योतिनंद दुबे को पराजित किया था। ज्योतिनंद को चार लाख 97 हजार 61 मत प्राप्त हुए थे। जबकि ज्योत्सना महंत को पांच लाख 23 हजार 310 मतदाता ने वोट किया था। ज्योत्सना महंत कुल वैध मतों का 46 फीसदी हासिल कर सांसद निर्वाचित हुईं थीं। इस बार महंत का मुकाबला भिलाई दुर्ग की रहने वाली सरोज पांडे से है। टिकट की घोषणा के बाद से दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। भाजपा प्रत्याशी सरोज पांडे पहले ही कोरबा में आकर कार्यकर्ताओं से मिल चुकी हैं। अब अलग-अलग विधानसभा में जाकर मतदाताओं से मिल रहीं है। उन्हें साधने की कोशिश कर रहीं हैं। मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत भी कोरबा लोकसभा क्षेत्र में ही है। गौरतलब है कि कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने चुनाव लड़ाने के लिए ज्योत्सना महंत का अकेला नाम भेजा था। ज्योत्सना महंत अपने टिकट को लेकर आश्वस्त थी। पहले भी उन्होंने कहा था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा। कोरबा लोकसभा में विधानसभा की आठ सीटें शामिल हैं। इसमें कोरबा, रामपुर, कटघोरा, पाली तानाखार, पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही और कोरिया जिले की बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ और भरतपुर सोनहत शामिल है।
एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा को मिला है मौका, इस बार रोचक होगा मुकाबला Big fight on Korba Lok Sabha seat: कोरबा सीट 2009 में अस्तित्व में आया था। डॉ. चरणदास महंत पहली बार 2009 में इस सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी भी निभाई थी। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में चरण दास महंत हार गए थे। महंत को भाजपा के उम्मीदवार डॉ. बंशीलाल महतो ने मात दी थी। इसके बाद पांच साल तक महतो ने इस क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाली। वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा ने ज्योतिनंद दुबे को प्रत्याशी बनाकर कोरबा लोकसभा में उतारा। उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस की उम्मीद ज्योत्सना महंत के साथ हुआ। इस चुनाव में ज्योत्सना ने ज्योतिनंद दुबे को पराजित किया। ज्योत्सना महंत बतौर सांसद इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहीं हैं।
अब उनका कार्यकाल खत्म होने की ओर है। आने वाले दिनाें में निर्वाचन आयोग चुनाव की तिथि की घोषणा करने वाला है। इसके पहले ही इस क्षेत्र में राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है। दो महिला प्रत्याशियों के मैदान में होने से दोनों के बीच मुकाबला कड़ा (Korba lok sabha Seat) होने की उम्मीद है। भाजपा को जहां मोदी सरकार के कार्यो पर भरोसा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी को पूर्व में कांग्रेस की सरकार और क्षेत्र के विकास के लिए किए गए प्रयासों पर।