
जनसंख्या नियंत्रण में पुरुषों की भागीदारी कम, लक्ष्य के दो फीसदी ने दिखाई जिम्मेदारी
कोरबा। Chhattisgarh News: जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम के लिए विभाग की ओर से हर साल महिला और पुरूषों को को जागरूक करने के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन इसमें परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। इस सत्र में अब तक 10 पुरूषों ने नसबंदी कराया है, जबकि महिलाओं की संख्या 513 है। इनकी भी रुचि में कमी आई है।
जिले में परिवार नियोजन कार्यक्रम बेपटरी पर है। जिले में छोटा परिवार सुखी परिवार और जनसंया नियंत्रण के लिए कई कायक्रम चलाए जा रहे हैं। इसमें महिला और पुरूष नसबंदी शामिल है। लोगों में परिवार नियोजन की जागरूकता में कमी आई है। यह स्वास्थ्य विभाग के आंकडे़ बता रहे हैं। जिले में वर्तमान के वित्तीय सत्र यानी पांच माह के भीतर में कुल 523 महिला और पुरूष ने नसबंदी कराया है। जबकि विभाग का लक्ष्य इस बार 5094 की है। इसमें भी महिलाओं ने जिमेदारी अधिक निभाई है।
परिवार नियोजन में भागीदारी निभाने को लेकर पुरूषों की रुचि नहीं है। अभी तक 10 जारूगक पुरूषों ने नसबंदी कराया है। यह लक्ष्य का लगभग ढाई फीसदी है। इसकी वजह लोगों में जागरूकता की कमी को बताया जा रहा है। जबकि पिछले साल छोटा परिवार और सुखी परिवार के साथ जीवन व्यतीत करने को लेकर लोगों में जागरूकता आई थी। इस दौरान 3486 लोगों ने नसबंदी कराया था। इसमें 3158 महिलाओं ने सहभागिता निभाई थी। जबकि पुरूषों की संया 328 थी। यह भी लक्ष्य से कम था।
डेढ़ साल में इतने लोगों ने करवाई नसबंदी
सत्र - महिला - पुरूष
2022-23 - 3158 - 328
2023-24 (अगस्त ) - 513 - 10
योजना के प्रचार-प्रसार में लाखों रुपए खर्च
योजना के प्रचार-प्रसार में स्वास्थ्य विभाग की ओर से हर साल लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन लक्ष्य हासिल करना विभाग के लिए चुनौती बनी हुई है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत जनसंख्या नियंत्रण, मातृ-शिशु मृत्य दर में कमी और नसबंदी के लिए जागरूकता अभियान पर जोर दे रही हे, लेकिन हर साल नवंबर दिसंबर माह में सारथी रथ रवाना किया जाता है। बावजूद इसके नसबंदी कार्यक्रम की योजना पटरी पर नहीं लौट रही है।
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Published on:
18 Oct 2023 05:26 pm
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