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परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया ये आरोप, जवाब में प्रबंधन ने कहा मरीज अभी जिंदा है, पढि़ए पूरी खबर…

परिजनों का कहना था कि चंदन की मौत रात में ही हो चुकी थी। लेकिन उन्हें इसकी सूचना दिए बगैर डॉक्टर इलाज करने का नाटक करते रहे

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कोरबा

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Shiv Singh

Jun 08, 2018

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया ये आरोप, जवाब में प्रबंधन ने कहा मरीज अभी जिंदा है, पढि़ए पूरी खबर...

परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया ये आरोप, जवाब में प्रबंधन ने कहा मरीज अभी जिंदा है, पढि़ए पूरी खबर...

कोरबा. ट्रामा सेंटर में गुरुवार को दिन भर हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा। एक परिवार ने प्रबंधन पर पैसे नहीं दे पाने के कारण शव को बंधक बना लिए जाने का आरोप लगाते हुए कलक्टर से इसकी शिकायत कर दी जबकि ट्रामा सेंटर प्रबंधन ने कहा कि मरीज़ अभी जिंदा है और उपचाररत है।

जानकारी के अनुसार कटघोरा निवासी कोमल बाई का पुत्र चंदन सड़क हादसे में घायल हो गया। उसे जिला अस्पताल से ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। जहां रात भर चंदन को आईसीयू में रखा गया। इस दौरान परिजनों को जानकारी दी गई कि चंदन की हालत बेहद नाजुक है। चंदन की मां, पत्नी के साथ उनके मकान मालिक उत्तम सिंह रंधावा भी गुरुवार की सुबह ट्रामा सेंटर पहुंचे।

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इसके बाद सभी दोपहर के करीब तीन बजे कलक्टर से मिलने पहुंचे और शिकायत की कि ट्रामा सेंटर प्रबंधन ने मृत हो चुके चंदन के शव को बंधक बना लिया है। परिजनों का कहना था कि चंदन की मौत रात में ही हो चुकी थी। लेकिन उन्हें इसकी सूचना दिए बगैर डॉक्टर इलाज करने का नाटक करते रहे ताकि ज्यादा पैसे वसूले जा सकें। गरीब होने के बाद भी हमने १० हजार रूपए खर्च कर दिए हैं। अब शव देने के लिए ४० हजार रूपयों की मांग की जा रही है। हंगामे के बाद ट्रामा सेंटर प्रबंधन ने देर शाम पांच बजे चंदन को परिजनों के हवाले कर दिया।

परिजन कहां गए किसी को नहीं पता
हंगामा होने के बाद देर शाम तकरीबन पांच बजे ट्रामा सेंटर प्रबंधन द्वारा मरीज़ चंदन को परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद परिजन उसे लेकर कहां गए और चंदन कैसी स्थिति में है, इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है।

- मुझे जानकारी मिली थी कि पैसों के लिए शव नहीं दिया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश पर ट्रामा सेंटर से इसकी जानकारी ली गई और पाया गया कि जिसे मृत बताया जा रहा है। वह जिंदा है, परिजनों के कहने पर उनकी इच्छा के अनुसार ही ट्रामा सेंटर प्रबंधन से मरीज को बिना पैसे लिए परिजनों को सौंप देने को कहा गया है- डॉ. पीएस सिसोदिया, सीएमएचओ

- परिजनों का अरोप सरासर गलत है। उनसे कोई मांग नहीं की गई है। जिंदा व्यक्ति को मृत बताकर वह शव को बंधक बनाने का अरोप लगा रहे थे। जबकि मरीज की सांसें चल रही थी। हालांकि वह कोमा में है और स्थिति बेहद चिंताजनक है। फिर भी बिना पैसे लिए शाम लगभग पांच बजे मरीज को परिजनों के हवाले कर दिया गया है- डॉ. पीआर कुंभकार, मुख्य प्रशासक, ट्रामा सेंटर