
रामसागरपारा के तीन एकड़ का एकलौता तालाब पूरी तरह से सूख चुका है
कोरबा . वार्ड क्रमांक एक रामसागरपारा के तीन एकड़ का एकलौता तालाब पूरी तरह से सूख चुका है। तालाब के चारों ओर झाडिय़ां और घास उग चुके हैं। बस्तीवासी कई बार इस तालाब की सफाई की मांग कर चुके हैं। लेकिन निगम द्वारा अब तक सुध नहीं ली गई है, लोग मांग कर रहे हंै कि निगम सिर्फ तालाब की सफाई करा दे जिससे उनको निस्तारी के लिए टैंकर की जरूरत नहीं पड़ेगी।
रामसागरपारा तालाब 50 साल पुराना है। इस तालाब से रामसागरपारा, राताखार, तुलसीनगर, पटेलनगर के लोग निर्भर रहते थे। लेकिन इस तालाब की पिछले 10-15 साल से निगम ने सफाई कराई नहीं। देखते ही देखते जलस्त्रोत सूखने की वजह से इसका स्तर भी कम होना लगा। अब तो इस तालाब में एक बुंद पानी तक नहीं है।
तालाब के चारों ओर घनी बस्ती है। खासकर इस बस्ती के लोगों को तालाब के सूखने से सबसे अधिक परेशानी हुई। दरअसल यहां पर पेयजल को लेकर परेशानी रहती है। बस्ती क्षेत्र होने की वजह से पेयजल के साथ निस्तारी के लिए पर्याप्त पानी के लिए मशक्कत करनीी पड़ती है।
हर बार गर्मी में निगम द्वारा टैंकर से इसकी आपूर्ति की जाती है। लोगों की मांग है कि निगम इतने बार टैँकर का खर्च उठा रहा है इससे उचित है कि तालाब की सफाई करा दी जाएं। इसके लिए मोहल्लेवासी भी श्रमदान करने को लेकर तैयार है। सफाई के साथ गहरीकरण हो जाएं जिससे आने वाली बारिश में तालाब लबालब हो सके। जिससे आने वाले कई साल तक पानी का संकट नहीं होगा।
शहर के बड़े तालाबों की सूची में यह भी शामिल
शहर के बड़े तालाबों की सूची में रामसागरपारा तालाब भी शामिल है। जिसका क्षेत्रफल भी तीन एकड़ से अधिक का है। वहीं सबसे पुराना है। लेकिन इस तालाब की समय-समय पर सुध नहीं ली गई। जिस वजह से तालाब का यह हाल हुआ। निगम ने दो साल पहले तालाबों का सर्वे किया था। सर्वे में मुड़ापार, लक्ष्मणबन तालाब, रामसागरपारा तालाब, बनिया तालाब, इमलीडुग्गू तालाब की सफाई कराने का निर्णय लिया गया था। लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
अतिक्रमण भी हावी नहीं होती कार्रवाई
अन्य तालाबों की तरह रामसागरपारा तालाब भी अतिक्रमण के चपेट में है। दरअसल तालाब सूखने के बाद तेजी से इसके चारों तरफ निर्माण किया गया है। कहीं कच्चा तो कहीं पक्का निर्माण कर लिया गया है। शासन का स्पष्ट आदेश है कि पुराने तालाबोंं को सहेजने के लिए अतिक्रमण ना होने दिया जाएं। पर लगातार इसकी अवहेलना की जा रही है।
Published on:
03 May 2018 12:35 pm
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