
शहर के मुख्य मार्गों के साथ मोहल्लों के भी लाइट बंद
कोरबा . शहर की स्ट्रीट लाइट फिर से खराब होने लगी है। कहीं अगर लाइट या फिर खंभे गिरने की शिकायत आती है तो उसे सुलझाने में 15 से 20 तक का समय लग जा रहा है। इसका अंदाजा वीआईपी मार्ग पर 10 दिन पूर्व कार की ठोंकर से गिरे खंभे को देखकर लगाया जा सकता है। वर्तमान मेें 788 शिकायतें पेंडिंग है।
पिछले दो साल के दौरान कोरबा शहर की 9800 स्ट्रीट लाइटों को बदलकर एलईडी लगाई गई थी। लेकिन काम के शुरूआत से इस पर सवाल उठने लगे थे। दरअसल लाइटें कुछ दिन बाद ही खराब होने लगी। कई जगह बंद-चालू की स्थिति होने से पार्षदों ने भी इसकी शिकायत की। उस समय ठेका कंपनी ने तर्क दिया कि खंभे पुराने हैं।
और लाइटें खंभे पर सही तरीके से फिट नहीं हो पा रही थी लेकिन शहर के 35 फीसदी हिस्सों में लगे खंभे नये हंै। ऐसे में कंपनी को नोटिस जारी किया गया था। उसके बाद भी सुधार कार्य में तेजी नहीं लाई गई। लगातार पेंडिंग शिकायतों की वजह से निगम का निदान में ग्रेड ए से डी तक गिर गया था।
इसके बाद निगम ने ठेकेदार को फिर से नोटिस जारी किया गया। तब जाकर अब हर खंभे के लिए इंसुलेटर बॉक्स लगाया गया। ताकि एलईडी लाइटें बिना किसी परेशानी के चले। पहले चरण पर नगर निगम द्वारा कलेक्ट्रोरेट मार्ग से इस काम की शुरूआत की है। शहर के सभी मुख्य मार्गों में लगाने के बाद इसे मोहल्लों में भी लगाया जाना था।
शहर की जिस भी सड़क पर शाम के बाद निकलें, हर ओर अंधेरा ही अंधेरा है। ठेका कंपनी की मनमानी की वजह से डेंजर जोन की सड़कों पर अब लोग शाम के बाद गुजरने से कतराने लगे हैं।
सीएसईबी चौक से कोहडिय़ा होते हुए दर्री बरॉज तक, रिस्दी चौक से कोसाबाड़ी चौक तक, सीतामणी से भिलाईखुर्द मार्ग तक, चेकपोस्ट से लेकर रिस्दा तक, वीआईपी मार्ग तानसेन चौक से बुधवारी बाजार तक सहित शहर की ज्यादातर सड़कों पर लगाई गई लाइटें या तो बंद पड़ी है, या फिर बंद-चालू हो रही है। इसके आलावा गली-मोहल्लों की तो हर दूसरी लाइटें बंद पड़ी है।
काफी जगह केबल भी बदला जा रहा
स्ट्रीट लाइटों के लिए पहले बिछाई गई केबल को भी कई जगह पूरी तरह से बदल दिया गया है। दरअसल काफी पुराने केबल को जोड़कर इससे पहले तक काम चलाया जा रहा था। इसके आलावा पाइपलाइन व मोबाइल नेटवर्क कंपनियों द्वारा भी केबल बिछाने के नाम पर स्ट्रीट लाइटों के केबल को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद इन केबल को बदला गया है।
एक माह में आ गए 788 शिकायतें
इस लचर व्यवस्था से लोगों में इतनी नाराजगी हैं कि इसका अंदाजा निगम में पहुंची शिकायतों की संख्या को देखकर ही लगाया जा सकता है। शिकायत निवारण प्रणाली में सफाई व्यवस्था और स्ट्रीट लाइटों को लेकर शिकायतें दर्ज कराने के लिए निदान 1100 या फिर ऑनलाइन किया जा सकता है।
पिछले एक माह की बात करें तो इन दोनों ही में कुल 1028 शिकायतें पहुंची। जिसमें 812 सिर्फ स्ट्रीट लाइटों को लेकर पहुंची। इसमेंं रविवार की स्थिति में 788 शिकायतें अब भी पेंडिंग है। निगम इन लाइटों को सुधारने ठेका कंपनी को सूची दे दिया है,लेकिन अब तक कंपनी ने जहमत नहीं उठाई है।
वरिष्ठ अफसरों व माननीयों के इलाकों की स्ट्रीट लाइटें चकाचक
शहर की चुंनिदा वीआईपी सड़कों की ही स्ट्रीट लाइटें जगमगा रही है। कलेक्ट्रोरेट ेके पीछे जिले के वरिष्ठ अफसरों की सड़के, पंपहाउस मार्ग, अग्रसेन रोड, अग्रोहा मार्ग व सीतामणी क्षेत्र की ही सड़कोंं की स्ट्रीट लाइट की देखरेख में कंपनी मुस्तैदी से काम कर रही है। लेकिन आम लोगोंं की सड़कों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
Published on:
29 Apr 2018 05:00 pm
बड़ी खबरें
View Allकोरबा
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
