
Suicide Case : फांसी लगाने से पहले छात्रा ने हाथ में लिखा, मैं अपने पिता की तरह...
कोरबा. दर्री थानांतर्गत 17 की साल की छात्रा ने अपने हाथ पर माता-पिता के रिश्ते को बयां करते हुए फांसी लगा ली। उसने हथेली पर लिखा कि मैं अपने पिता की तरह जिंदगी नहीं जीना चाहती। इसके आगे की लाइन समझ नहीं आ रही है। अब पुलिस इस लाइन के मायने को समझने की कोशिश कर रही है।
घटना दर्री थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर की है। मोहन टॉकिज रोड में निशा चौहान अपने बेटी शीतल चौहान के साथ रहती है। गुरुवार देर रात निशा घर पहुंची। घर का दरवाजा अंदर से बंद था। निशा ने बाहर से कई बार आवाज लगाई। भीतर से कोई जवाब नहीं आया। निशा को लगा कि बेटी नींद से सोई होगी। इस कारण दरवाजा नहीं खोल रही है। दरवाजा खोलने का इंतजार निशा रातभर किया। सुबह हो गई फिर भी बेटी शीतल ने दरवाजा नहीं खोला। निशा को संदेह हुआ। आसपास के लोगों को बुलाया। कमरे का दरवाजा तोड़ा गया। शीतल की लाश फांसी (Hanged) के फंदे पर लटकी हुई थी।
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सूचना पुलिस को दी गई। मर्ग कायम कर पुलिस जांच कर रही है। शीतल ने अपने हाथ पर पेन से एक लाइन लिखी है इसमें कहा है कि मैं अपने पिता की तरह जिंदगी नहीं जीना चाहती। इसके आगे कुछ और शब्द भी लिखा है। हथेली बंद होने से और शब्दों को नहीं पढ़ा जा सका है। शीतल छुरी के पास स्थित केपीएस स्कूल में कक्षा ११वीं की छात्रा थी।
शीतल की माता-पिता के रिश्ते में दरार
पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शीतल के पिता तुलसीराम का अपनी पत्नी निशा से संबंध ठीक नहीं हैं। शीतल अपनी मां के साथ इंदिरा नगर में एक किराए की मकान में रहती थी। निशा एक स्थानीय ऑर्केस्ट्रा में गायिका है। शीलत के पिता बलगी में रहते हैं।
राखी के दिन मां के साथ कोरबा गई थी छात्रा
रक्षा बंधन के दिन शीतल अपनी मां के साथ कोरबा पहुंची थी। शाम को घर लौटना चाहती थी। मां ने शीतल को घर छोड़ दिया था। वह ऑर्केस्ट्रा में एक गाने की रिकार्डिंग कराने कोरबा चली गई थी। शीतल घर में अकेली थी।
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Updated on:
16 Aug 2019 08:11 pm
Published on:
16 Aug 2019 07:38 pm
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