
अमीरों से लिया जाएगा शुल्क, गरीबों को मिलेगी 100 फीसदी छूट पढ़िए पूरी खबर...
कोरबा. शासन ने जल नीति (Water policy) का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। इसके मुताबिक अब अमीरों से जलकर पूरा लिया जाएगा। जबकि मध्यम आय वर्ग से उतना ही लिया जाएगा जितना वे वहन कर सकते हैं। जबकि गरीबों को सौ फीसदी छूट दी जाएगी। दरअसल सरकार द्वारा प्रदेश के कई निकायों में हर घर पर नल कनेक्शन व मीटर लगाई जा रही है। इसके शुरू होने के बाद गरीब तबके को बड़ी राहत मिलेगी। अब तक हर किसी को पानी बिल देना पड़ रहा था।
प्रदेश सरकार ने जल नीति (Water policy) का खाका तैयार किया गया है। सरकार ने जल नीति (Water policy) में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान दिया है। वहीं अब अब नदी को अविरल, निर्मल और स्वच्छ रूप दिया जाएगा। उद्योगों को भी पानी की रिसाइक्लिंग करनी होगा। सतही व भूजल दोनों की खपत उतनी करने मिलेगी जितनी की जरूरत है। नदियों के प्रदूषण, नदियों व घाटों के बीच की स्थिति जीर्णोद्धार करने सहित कई अन्य बिंदु भी शामिल है। नदी की धारा अविरल और निर्मल होगी वहीं किनारा भी स्वच्छ होगा। जल नीति में आम लोगों को भी अब पानी बचाना होगा। अनावश्यक खर्च पर लगाम करना होगा। ड्राफ्ट में स्पष्ट कहा गया है कि हर व्यक्ति का उत्तरदायित्व होगा कि वह जल की सुरक्षा करते हुए अगली पीढ़ी के लिए भी रखे। १९ जुलाई तक सरकार ने इस ड्राफ्ट पर सुझाव व आपत्ति मंगाई गई है। उसके बाद सरकार इसे फाइनल रूप देगी।
नदियों को लेकर ड्राफ्ट में ये बिंदु शामिल
- नदियों के अत्याधिक उपयोग, दुरूपयोग, प्रदूषण दूषित करने से बचाएगी।
- नदियों के बाढ़ के मैदान को निर्माण व रेत खदान को सुरक्षित रखेगा।
- नदी, जंगल, पहाड़ को बनाए रखने की जिम्मेदारी ग्रामीणों की होगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों मेंं गर्मी में भूजल के उपयोग को नियंत्रित करना।
- उद्योग जो नदी के बहाव को नुकसान पहुंचाने पर जुर्माना किया जाएगा।
जल की उपयोगिता इस तरह तय की गई
सबसे पहले प्राथमिकता एवं प्रभार जल के जीवन के अधिकार के लिए पूर्ति होगी, इसके बाद कृषि क्षेत्र में फिर उद्योगों को पानी दिया जाएगा। जल का आबंटन इस तरह किया जाएगा कि जल आवर्धन का उपयोग सही तरीके से हो सके।
जल सुरक्षा योजना होगी तैयार
सरकार द्वारा जल सुरक्षा योजना तैयार की जाएगी। इसमें सरकार तय करेगी कि प्रत्येक व्यक्ति के जीवन एवं आजीविका के लिए सुरक्षित जल की पर्याप्त मात्रा हो। सूखे एवं बाढ़ की स्थिति में भी जल की उपलब्धता सुनिश्वित की जा सके। कम पानी वाले फसल लगाने के लिए प्रोत्साहन, जल अभाव के क्षेत्र में उद्योगों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
जलदर का इस तरह किया जाएगा निर्धारण
- जल दरों के भुगतान की अक्षमता के कारण जीवन के लिए जल से वंचित नहीं किया जाएगा।
- घरेलू उपयोग के लिए उच्च वर्ग से संपूर्ण जलदर वसूली, मध्यम दर आयवर्ग से जिसका खर्चा वहन किया जा सके एवं गरीबों के लिए एक निश्चित मात्रा नि:शुल्क दी जाएगी।
- उद्योगों हेतू जल एवं भूजल के थोक उपयोग पर जल दर का निर्धारण किया
दण्ड का भी होगा प्रावधान
- कोई जल उपभोक्ता नियम का पालन नहीं करता है तो जलदर का दोगुना और फिर भी मनमानी की गई तो हर बार जलदर का १० गुना जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं छह माह का कारावास की सजा भी हो सकती है। इसके आलावा उद्योगों का परमिट तक निरस्त किया जा सकता है।
Published on:
17 Jul 2019 01:34 pm
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