
CG Analytical Story : सिंचाई प्रोजेक्ट से खेतों को नहीं मिल पाएगा पानी, किसानों को अब बारिश का इंतजार
कोरबा . जिले के तीन बड़ी सिंचाई प्रोजेक्ट से पानी खेतों को इस साल भी नहीं मिल पाएगा। इसके लिए छह माह तक किसानों को और इंतजार करना पड़ेगा। जबकि इन तीनों ही योजना को इसी साल मार्च तक पूरा हो जाना था। दरअसल नहर व एनीकट के लिए जमीन अधिग्रहण होना था। लेकिन इसे पूरा करने में अफसर विलंब हो गए। लिहाजा पूरा प्रोजेक्ट ही लेट हो गया। कुल मिलाकर किसानों को अब बारिश के पानी पर ही निर्भर रहना पड़ेगा।
सिंचाई विभाग द्वारा जिले मेें तीन बड़ी प्रोजेक्ट खारून व्यपवर्तन योजना, कटघोरा व्यपवर्तन योजना व रामपुर जलाशय योजना का निर्माण चल रहा है। इनमें क्रमश: १९९२ हेेक्टयेर, १९९१ हेक्टेयर व २००४ हेक्टयेर खेतों की सिचाईं होनी है। सिचांई विभाग द्वारा अपने कार्ययोजना में इन तीन बड़े प्रोजेक्ट को शामिल किया गया था। जलाशय, नहर के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया के बाद अब जाकर काम शुरू हुआ है।
तीनों ही प्रोजेक्ट से सिचाईं क्षमता लगभग बराबर है। तीनों मेें सबसे पहला काम खारून व्यपवर्तन योजना का काम शुरू हुआ। रामपुर जलाशय की सैद्धांतिक स्वीकृति २००८ में ही मिल चुका है। १० साल बीतने के बाद भी यह पूरी नहीं हो सकी है। इन योजनाओं से किसान लंबे समय से पानी की उम्मीद लगाकर बैठे हैं। लेकिन इस साल भी किसानों को पानी ही नहीं मिल पाएगा।
150 करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट
इन तीनों की प्रोजेक्ट में लगभ डेढ़ सौ करोड़ रूपए की लागत आएगी। खारून व कटघोरा व्यपवर्तन योजना क्रमश: २२१७.४७ व ५६०७.६६ लाख की लागत आएगी। व्यपवर्तन योजना में लंबी नहर से पानी तक खेतों तक पहुंचाना है। तो वहीं रामपुर जलाशय योजना इनमें सबसे बड़ी योजना है। माना जा रहा है कि यह जिले का सबसे बड़ा जलाशय होगा। इसमेें लगभग ८५ करोड़ रूपए खर्च आएगा।
100 करोड़ की योजनाएं अब तक निर्माणाधीन
वर्तमान में जिले में ८ जलाशय की इसकी लागत लगभग ९० करोड़ रूपए व सात व्यपवर्तन योजना इसकी लागत ५५ करोड़ रूपए है, कुल १९ लघु सिंचाई योजनाओं निर्माणाधीन है। इनमें कुछ को इस साल तक पूरा हो जाना चाहिए था। इनमें से खरीफ फसल हेतू ९५१६ हेक्टेयर एवं रबी फसल के लिए ३७९ हेक्टेयर खेत सिंचित होंगे। हालांकि विभाग द्वारा अब तक १० एनीकट व दो स्टॉपडेम का निर्माण पूरा करा लिया गया है।
फैक्ट फाइल
कुल जलाशय 38
व्यपवर्तन योजना 10
खरीफ फसल 11799 हेक्टयेर
रबी फसल 738 हेक्टयेर
कुल 12537 हेक्टयेर
-बड़ी परियेाजनाओं का काम तेजी से चल रहा है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया आधी जगह हो चुकी है। वहां पर काम बढ़ाया गया है। सभी योजनाओं को जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है- आरपी शुक्ला, कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन विभाग कोरबा
Published on:
03 Jun 2018 12:26 pm
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