
बसेर ग्राम पंचायत: 35 साल पहले सिर्फ खंभे गड़े थे, अब बिजली लाइन खींची जाएगी, गांव में रौशनी होगी
बैकुंठपुर/बरबसपुर। वनांचल ग्राम पंचायत बसरे में बिजली खंभे गाडऩे के करीब ३५ साल बाद लाइन खींची जाएगी। इतने साल से ग्रामीण सिर्फ बिजली के खंभे देखकर घर रौशन होने की उम्मीद में बैठे थे। अब मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना से 4 करोड़ 62 लाख खर्च कर बिजली लगाई जाएगी। सोनहत विकासखंड के ग्राम बसेर सहित 7 पहुंचविहीन गांव में बिजली पहुंचेगी।
जानकारी के अनुसार आदिवासी विकासखण्ड सोनहत में ग्राम पंचायत बसेर बसा है। पंचायत में १२०० मतदाता और २००० से अधिक जनसंख्या निवास करती है। अविभाजित मध्यप्रदेश के समय में गांव में बिजली लगाने के सपने दिखाकर बकायदा खंभे गाड़े थे। लेकिन छत्तीसगढ़ व कोरिया जिला बनने के बाद भी गांव में गड़े खंभों से ३५ साल बाद बिजली नहीं पहुंची है। ग्रामीण बोले, आजादी के ७४ साल बाद भी गांव में बिजली नहीं पहुंची है। बचपन में बिजली खंभे गाड़े गए थे, सिर्फ खंभो को देखते-देखते अब बूढ़े होने लग गए हैं, बावजूद बिजली नहीं लग पाई है। हालाकि ग्रामीणों के घरों में सोलर प्लेट लगा हुआ है, जो भगवान भरोसे ही चलता है। वहीं ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम भरहीडीह में भी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं है। यहां सड़क,पानी, बिजली कुछ नहीं है। इतने साल बाद मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना सोनहत विकासखंड के ग्राम बसेर सहित 7 पहुंचविहीन गांव में बिजली पहुंचेगी। वनांचल ग्राम तंजरा, छिगुरा, तर्रा, बसेर, लोलकी, कछाड़ी एवं ठकुरहत्थी में विद्युतीकरण किया जाएगा। वहीं मनेंद्रगढ़ विकासखंड के बौरीडांड़ ग्राम पंचायत अंतर्गत ग्राम मिलनपथरा, चुकतीपानी, ग्राम धनहर, सोनहरी, राधारमणनगर, ग्राम पंचायत बुंदेली के कारीठिहाई एवं भरतपुर विकासखंड के ग्राम मसर्रा व रजरावल में बिजली पहुंचाने 4 करोड़ 62 लाख की मंजूरी मिली है।
तबीयत खराब होने पर एंबुलेंस तक गांव नहीं पहुंचती है
ग्रामीणों का कहना है कि भरहीडीह में किसी की तबीयत खराब होने पर एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पाती है। अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए तो चारपाई से ढोकर गांव से रोड तक लाना पड़ता है। भारी कष्ट में लोग जीने को मजबूर हैं। जनप्रतिनिधि हम लोगों का सुध लेने नहीं आते हैं। आजकल ऑनलाइन का जमाना है, लेकिन गांव में मोबाइल तक चार्ज नहीं हो पाता है। जिससे बच्चे भी नहीं पढ़ पा रहे हैं। जबकि भरहीडीह ग्राम के बगल में सोनबरसा पंचायत लगा हुआ है। सोनबरसा में बिजली है, लेकिन बगल के हमारे गांव में लाइट नहीं है।
ग्राम पंचायत में लाइट की समस्या है। हमने कई बार उच्चाधिकारी व जनप्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा है। लेकिन इसके बारे में कोई ठोस पहल नहीं हुई है। हम लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। सोलर प्लेट भी भगवान भरोसे है।
नाहर सिंह, सरपंच ग्राम पंचायत बसेर
आजादी के बाद 2 दर्जन गांव में विद्युतीकरण कराकर लालटेन युग का अंत किया जाएगा। ये गांव छग राज्य की बिजली से रोशन होंगे। मुख्यमंत्री मजराटोला विद्युतीकरण योजना के तहत 4 करोड़ 62 लाख की मंजूरी मिली है।
गुलाब कमरो, उपाध्यक्ष सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण
Published on:
20 Apr 2022 09:14 pm
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